गुड्डू त्यागी
रात करीब 12:30 एक लंबी बीमारी के चलते पूर्व ग्राम प्रधान अजराड़ा इंतज़ार हुसैन का इंतेकाल हो गया, जिससे गांव व आस पास के इलाक़ों में ग़म का माहोल बना हुआ है। पूर्व ग्राम प्रधान की उम्र लगभग 50 साल थी, पूर्व ग्राम प्रधान ने अपने परिवार में अपनी धर्म पत्नि, अपने वीलिद हाजी बाबू खां, जो कि काफ़ी बज़ुर्ग हैं, तीन बेटे और एक बेटी छोड़े हैं।
अजराड़ा के पूर्व ग्राम प्रधान इंतज़ार हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे, अब वो इस दुनिया को अलविदा कह कर अपने मालिके-ए-हक़ीक़ी से जा मिले। पूर्व प्रधान का इस तरह से अचानक जाना अजराडा़ जैसी जगह के लिए बहुत खल रहा है अर्थात् एक बहुत बड़ा स्थान खाली कर देने के जैसा है, उनकी यह जगह ना तो कोई पूरी कर सका है और ना ही कर पायेगा, अपने ग्रामवासियों के लिए जो पूर्व प्रधान कर गये, शायद ही उसको कोई ओर पूरा कर सके।
इस समय पूरे गांव समेत गांव के बाहरी क्षेत्रों में ग़म की लहर दौड़ी हुई है। पूर्व प्रधान का अचानक से जाना एक तरह से मानो एसा है जैसे कोई चिराग़ पूरे इलाक़े को रोशनी दे रहा हो और आज वो चिराग़, वो दुया हमेशा हमेश के लिए बुझ गया हो. मरहूम पूर्व ग्राम प्रधान इंतज़ार हुसैन को को देखने वालों का दिन भर तांता लगा रहा।
देखने के लिये आये लोगों में गांव अजराड़ा से पूर्व ग्राम प्रधान अजराड़ा मुहम्मद जावेद, चौधरी ज़ुल्फिकार, पूर्व प्रधान अब्दुल वाहिद रिफ़ाक़त, बसपा के पूर्व सासंद व प्रदेश अध्यक्ष बाबू मुनकाद अली, किठौर से कांग्रेसी नेता मैनेजर मोहम्मद कामिल, त्यौड़ी 13 बिस्वा के ग्राम प्रधान शहज़ादा, डॉ. अबुल कलाम, डॉ. सलीम, डॉ. फुरकान त्यागी अन्य के नाम उल्लेखनीय हैं। दूर दराज़ से आये तथा क्षेत्र से आये प्रतिष्ठित लोगों की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग का ख़्याल और सरकार की गाईड लाईन्स को सामने रखते हुए सुबह 8:15 बजे मरहूम को सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
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