नई दिल्ली: पाक से बढ़ते तनाव के बीच मोदी सरकार ने पाक के उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या आधी करने को कहा है, इसी अनुपात में मोदी सरकार भी इसलामाबाद में अपने उच्चायोग में कर्मचारी कम करेगा, इसे सात दिन के अंदर लागू किया जाएगा, मोदी सरकार ने यह फ़ैसला पाक उच्चायोग नई दिल्ली में कार्यरत कर्मचारियों की गतिविधियों को लेकर किया है, भारत ने कहा है कि पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी जासूसी और आतंकी संगठनों से तालमेल बनाए रखते हैं, भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान उच्चायोग के अफ़सर को बुलाया था और उनके अधिकारियों के जासूसी और आतंकी संगठनों के साथ गतिविधियों में लिप्त होने की बात बताई थी, भारत की ओर से कहा गया है, ‘राजनयिक और कांसुलर अधिकारियों के मामले में पाकिस्तान का व्यवहार वियना कन्वेंशन और द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप नहीं है, इसके विपरीत, यह सीमा पार हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करने की एक बड़ी नीति का आंतरिक तत्व है,

सरकार का यह फ़ैसला तब आया है जब 31 मई को भारत के ख़िलाफ़ जासूसी करते दो पाकिस्तानी अधिकारी रंगे हाथ पकड़े गए थे, रिपोर्टों में कहा गया था कि आबिद हुसैन और ताहिर ख़ान को करोलबाग से हिरासत में लिया गया, इस दौरान ये दोनों लोग किसी व्यक्ति से भारतीय सुरक्षा से जुड़े कोई दस्तावेज़ हासिल कर रहे थे और रंगे हाथों पकड़े गये, भारत ने दोनों अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा था, इसके बाद जून के मध्य में पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात स्टाफ़ के दो सदस्यों के ग़ायब होने की ख़बरें आई थीं, इसको लेकर पाकिस्तानी मीडिया ने कहा था कि इन दोनों को हिट एंड रन मामले में इसलामाबाद में पुलिस ने गिरफ़्तार किया है, पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक़, इन दोनों ने एक राहगीर को टक्कर मारकर भागने की कोशिश की लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया,

देश दुनिया की अहम खबरें अब सीधे आप के स्मार्टफोन पर TheHindNews Android App

भारत की ओर से इस मामले में कड़ा विरोध दर्ज कराने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया, भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि स्टाफ़ के दोनों सदस्यों का किसी तरह का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए और उनसे कोई पूछताछ भी नहीं की जानी चाहिए, ये दोनों लोग सीआईएसएफ़ के ड्राइवर्स हैं और इसलामाबाद में ड्यूटी पर तैनात थे, 22 जून को भारत लौटे इन अधिकारियों ने पाकिस्तानी एजेंसियों के हाथों हुए बर्बर व्यवहार की पूरी कहानी भारत सरकार को बताई, ‘मीडिया के अनुसार सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों चालक घायल थे, जो पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की हिरासत में थे, सरकार ने उस घटना के संदर्भ में आज कहा, ’22 जून, 2020 को भारत लौटे अधिकारियों ने बर्बर व्यवहार का ग्राफिक विवरण दिया है, जो उनके साथ पाकिस्तानी एजेंसियों ने किया था,’

एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के नई दिल्ली और इसलामाबाद के उच्चायोगों के लिए सहमती थी कि वे 110 स्टाफ़ रख सकते थे, लेकिन अब जब स्टाफ़ को आधा कर दिया गया है तो इस हिसाब से दोनों देश अब 55-55 स्टाफ़ रख सकते हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here