नई दिल्ली : दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले करीब तीन महीने से जारी है, किसान नेता आंदोलन को तेज करने के लिए कई राज्यों में महापंचायत भी कर रहे हैं.

इस बीच आज कृषि मंत्री ने कहा कि अगर किसान संगठन कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने के प्रस्ताव पर विचार करें तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है.

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राकेश टिकैत के बयान पर नरेंद्र तोमर ने प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और किसानी के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और पीएम मोदी के नेतृत्व में वह किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है.

सरकार किसानों के साथ बातचीत शुरू करने का प्रयास कर रही है या नहीं, इस पर तोमर ने कहा भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है, आज भी जब उनका कोई मत आएगा, तो भारत सरकार हमेशा किसानों के साथ चर्चा करने को तैयार है.

राजस्थान के सीकर में महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने चेतावनी दी है कि अगर कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ संसद तक मार्च निकाला जाएगा,

टिकैत ने मंगलवार को कहा किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा, साथ ही कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा.

बता दें कि मतभेद सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को कानून को स्थगित करने और एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था.

सरकार और किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के बीच अभी तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है और अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी.

26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद दोनों पक्षों में बातचीत बंद हो गई.

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