नई दिल्ली
नेपाल मुस्लिम आयोग के अध्यक्ष शमीम अंसारी तथा आनंदा प्रसाद शर्मा मिनिस्टर कॉउन्सलर (पोलटिकल ) ने शुक्रवार दोपहर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय पहुँचकर आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष आतिफ रशीद से मुलाक़ात की। कार्यालय पहुँचने पर आतिफ रशीद के साथ आयोग के सचिव एस. के. देव वरमन,आयोग के संयुक्त सचिव डेनियल रिचर्ड तथा डायरेक्टर ऐ. धनलक्ष्मी ने उनका स्वागत किया। इस दौरान हुई बैठक में भारत-नेपाल के रिश्तों और अयोगों के कार्यों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष आतिफ रशीद ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि बैठक में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ ऐतिहासिक संबंधों को और अधिक मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा दी गई प्राथमिकता पर प्रकाश डाला गया। आतिफ रशीद ने शमीम मियां अंसारी से कहा कि हमारे संबंध, हमारे साझा इतिहास, सामान्य सांस्कृतिक लोकाचार, विस्तृत व्यापार और आर्थिक साझेदारी के साथ-साथ व्यक्ति से व्यक्ति और पारिवारिक संपर्कों से अपनी ताकत और महत्व प्राप्त करते हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि वैश्विक महामारी के इन अभूतपूर्व समय के दौरान, हमारे दोनों देशों ने संयुक्त रूप से इसका मुकाबला करने के साथ-साथ हमारे लोगों और अर्थव्यवस्थाओं पर इसके प्रभाव को कम करने में अनुकरणीय सहयोग किया है। हम नेपाल के साथ अपने संबंधों को उच्च प्राथमिकता देते हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी थी। दोनों नेता सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं और हम इस लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे पास बहुआयामी और गतिशील विकास साझेदारी है। हमारे सहयोग में संपर्क, ऊर्जा, जल संसाधन, कृषि, मानवीय सहायता, सामाजिक आर्थिक बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मानव विकास के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
आतिफ रशीद ने बताया कि दोनों सरकारें हमारे दोनों देशों के लोगों की बेहतर संपर्क साधन निर्बाध आवागमन की दिशा में मिलकर कार्य कर रही हैं। हमारे प्रयास विचारों के अधिक आदान-प्रदान सहभागिता और संस्थागत सहयोग और आपसी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए होने चाहिए।
आतिफ रशीद ने शमीम अंसारी से नेपाल के मुस्लिम आयोग की भूमिका और उसकी वर्तमान गतिविधियों के बारे में भी पूछा और उन्हें राष्ट्रीय आयोग की भूमिका के बारे में उपयुक्त जानकारी दी।
ज्ञात हो कि नेपाल के मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और हितों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति, कार्यक्रम तैयार करने और इस संबंध में नेपाल सरकार को सुझाव देने के लिए 2017 में नेपाल के मुस्लिम आयोग का गठन किया गया था। आयोग को नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा, निगरानी और मूल्यांकन करने का भी अधिकार है।
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