नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद से कल देश के किसानों को नये अधिकार देने वाले पारित कानूनों को 21वीं सदी के भारत की जरूरत बताया और कहा कि यह बदलाव किसान और कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं है बल्कि देश के उन ताकतवर गिरोहों से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए है जो अब तक उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहे थे।
मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार में राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच) एवं सेतु निर्माण की नौ परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश की संसद ने कल देश के किसानों को नये अधिकार देनेवाले बहुत ही ऐतिहासिक कानूनों को पारित किया है। ये सुधार 21वीं सदी के भारत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में अब तक उपज और बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी तथा जो कानून थे, उसने किसानों के हाथ-पांव बांध रखे थे। इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हो गये थे, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। आखिर ये कब तक चलता रहता। इसलिए, इस व्यवस्था में बदलाव करना आवश्यक था और ये बदलाव उनकी सरकार ने करके दिखाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े व्यवस्था परिवर्तन के बाद कुछ लोगों को अपने हाथ से नियंत्रण जाता हुआ दिखाई दे रहा है इसलिए अब ये लोग न्यूनतम समर्थन (एमएसपी) मूल्य पर लोगों को गुमराह करने पर जुटे हुए हैं। ये वही लोग हैं जो वर्षों तक एमएसपी पर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को अपने पैरों के नीचे दबा कर रखे हुए थे। उन्होंने कहा कि वह देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा दिलाते हैं कि एमएसपी की व्यवस्था जैसे पहले से चलती आ रही थी वैसी ही आगे भी जारी रहने वाली है। इसी तरह हर मौसम में सरकारी खरीद के लिए जिस तरह से अभियान चलाया जाता रहा है वह भी पहले की तरह चलते रहेंगे।