नई दिल्ली : सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले कई दिनों से CM आवास पर धरना दे रहे BJP नेता हताश हो चुके हैं, अब BJP वाले कर्मचारी यूनियन को अपने साथ धरने पर बैठने की शर्त पर तीन महीने की रूकी सैलरी को देने के लिए ब्लैकमेल कर रहे हैं.

दिल्ली वालों के ध्यान नहीं देने से धरने पर बैठे एमसीडी के तीनों मेयर और BJP वाले हताश हो गए हैं और उनका ध्यान खींचने के लिए घटिया स्तर की राजनीति पर उतर आए हैं, उन्होंने कहा कि नाॅर्थ एमसीडी में हुए 2500 करोड़ रुपए के घोटाले की होर्डिंग्स लगने से BJP घबरा गई है.

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एमसीडी के कर्मचारी उस होर्र्डिंग्स को फाड़ रहे हैं और पेड होर्डिंग्स लगाने वालों को नोटिस दिया जा रहा है, BJP वाले इस गलतफहमी में है कि होर्डिंग्स फाड़ने से इनके घोटाले का दिल्ली वालों को पता नहीं चलेगा, पार्टी घर-घर जाकर BJP के घोटाले के बारे में बताएगी,

भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी की नाकामियों को छुपाने के लिए BJP के तीनों मेयर CM केजरीवाल के घर के बाहर, ताज होटल के शाही पनीर और बटर नान खाते हुए अपना समय बिता रहे हैं.

उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को BJP के मेयरों के इस ढोंग से कतई फर्क नहीं पड़ता कि वह अपने घर में बैठे हैं या मुख्यमंत्री के घर के बाहर ड्रामा कर रहे हैं, क्योंकि BJP के इन मेयरों ने न तो पहले कभी काम किया है और न ही आज काम कर रहे हैं.

इतना सब ड्रामा करने के बावजूद भी दिल्ली के लोग इनको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, तो BJP नीच स्तर की राजनीति पर उतर आई है.

उन्होंने बताया कि कल BJP के एक बहुत बड़े नेता ने सफाई कर्मचारी संगठन के प्रधानों को अपने घर पर एक बैठक के लिए आमंत्रित किया, बैठक में उन तमाम पदाधिकारियों को धमकाया गया.

उनसे कहा गया कि सफाई कर्मचारियों का वेतन तब तक नहीं दिया जाएगा, जब तक कि आप सब लोग दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर के बाहर मेयरों के साथ धरने पर नहीं बैठोगे.

भारद्वाज ने बताया, कि BJP की यह नौटंकी कई सालों से इसी प्रकार चल रही है, जब कभी भी भाजपा को अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान हटाना होता है, तो इसी प्रकार से सफाई कर्मचारियों का वेतन रोक लिया जाता है.

फिर उन्हें हड़ताल करने के लिए, दिल्ली की जनता को परेशान करने के लिए, गंदगी फैलाने के लिए और दिल्ली को पूरे देश में बदनाम करने के लिए विवश किया जाता है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि हर महीने की 10 तारीख को सफाई कर्मचारियों की पिछले महीने की बकाया तनख्वाह उनको दी जाएगी और साथ ही साथ हाईकोर्ट में बताया जाएगा कि सफाई कर्मचारियों का वेतन दे दिया गया है.

यदि ऐसा नहीं किया गया तो नगर निगम के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का मुकदमा चलाया जाएगा.

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