Header advertisement

दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डिजिटल डिग्री के लिए 750 रू शुल्क लेने का एनएसयूआई ने किया विरोध

नई दिल्ली : नैशनल स्टूडेंट युनियन आफॅ इंडिया दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डिजिटल डिग्री के लिए 750 रू शुल्क लेने का विरोध करती है तथा विश्वविद्यालय प्रशासन से तुरंत इस शुल्क को वापस लेने का अनुरोध करती है।

दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस वर्ष से छात्रों को डिजिटल डिग्री देने की बात कही थी जिसके तहत कोई भी छात्र अपनी डिग्री ऑनलाइन लिंक के जरिए प्राप्त कर सकता है लेकिन जब 2020-21 में ग्रेजुएट हुए छात्रों ने डिजिटल डिग्री डाऊनलोड करने की कोशिश की तो उनसे 750 रू मांगे जा रहे है।

दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के छात्रों द्वारा डिग्री में बहुत बड़ी गलती सामने आयी है छात्रों को तीन साल बाद ग्रेजुएट की डिग्री देने की जगह प्रशासन द्वारा 5 year integrated program की डिग्री दी गई है जो 5 साल बाद मिलनी चाहिए थी। जिससे पता चलता है कि डीयू सिर्फ वसूली का अड्डा बन चुका है तथा छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी मौहम्मद अली का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय आजकल धन उगाही का अड्डा बनता जा रहा है जिस हिसाब से यहाँ सभी चीज का चार्ज लिया जा रहा है उसे देखकर लगता है

विश्वविधालय प्रशासन कुछ दिन बाद शौचालय का भी चार्ज न लेने लगें। पहले छात्रों को ऑफलाइन डिग्री मिलती थी जिसके लिए कोई भी चार्ज नही देना पड़ता था लेकिन इस बार डिजिटल डिग्री की शुरुआत हुई है तो डीयू द्वारा 750 रू मांगे जा रहे है जो सरासर गलत है।

डिजिटल इंडिया का मतलब होता है किसी भी चीज़ तक आसानी से पहुंचना डिजिटल इंडिया का मतलब वसूली करना नही है।

हम डीयू प्रशासन से मांग करते है कि 750 रू के चार्ज को तुरंत वापस लिया जाए क्योकि अगर किसी के पास 750 रू नही है तो वह डिग्री नही ले पाएंगा। डिग्री छात्रों की मेहनत है उस पर शुल्क लेना तानाशाही है। तथा डीएसजे के छात्रों की डिग्री सही की जाएँ।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *