नई दिल्ली : पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का व्यापार में रहने का कोई काम नहीं है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का ध्यान लोगों के कल्याण और विकास से जुड़ी परियोजनाओं में ही रहना चाहिए, वे एक वेबिनार में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के लिए बजट में हुई घोषणाओं पर बोल रहे थे.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार खुद व्यापार चलाए, उसकी मालिक बनी रहे, आज के युग में न ये आवश्यक है, न ये संभव रहा, उन्होंने कहा सरकार जब व्यापार करने लगती है तो बहुत नुकसान होते हैं.
निर्णय लेने में सरकार के सामने बंधन होते हैं, सरकार में वाणिज्यिक निर्णय लेने का अभाव रहता है, सभी को आरोप और कोर्ट का डर रहता है, इस कारण सोच रहती है कि जो चल रहा है उसे चलने दो ऐसी सोच के साथ व्यापार नहीं हो सकता.
पीएम मोदी ने कहा कि कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं और कइयों को करदाताओं के पैसे से मदद दी जा रही है, उन्होंने कहा बीमार सार्वजनिक उपक्रमों को वित्तीय समर्थन से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है, सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं.
पीएम मोदी ने बजट 2021-22 की भी तारीफ की और कहा कि इसमें भारत को ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई गई है, उन्होंने कहा, ‘इस बजट ने फिर से भारत को तेज गति से विकास की दिशा में ले जाने के लिए स्पष्ट रोडमैप सामने रखा.
बजट में भारत के विकास में प्राइवेट सेक्टर की मजबूत साझेदारी पर भी ध्यान दिया गया है, पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी के अवसर और लक्ष्यों को स्पष्ट तौर पर सामने रखा गया है.
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