नई दिल्ली: पीएम मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देश की जनता को संबोधित किया, मन की बात कार्यक्रम का यह 74वां संस्करण है, पीएम मोदी ने कहा इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है, जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है.
पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है, जल संरक्षण के लिए हम सब को अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी, वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है, पानी के संरक्षण के लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए, 22 मार्च को विश्व जल दिवस भी है.
पीएम मोदी ने कहा कल माघ पूर्णिमा का पर्व था, माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है, माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है.
पीएम मोदी ने कहा आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है, आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सीवी रमन जी द्वारा की गई रमन इफेक्ट खोज को समर्पित है, जब हम विज्ञान की बात करते हैं.
कई बार इसे लोग भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान या फिर लैब तक ही सीमित कर देते हैं, लेकिन विज्ञान का विस्तार इससे कहीं ज्यादा है और आत्मनिर्भर भारत अभियान में विज्ञान की शक्ति का बहुत योगदान है.
पीएम मोदी ने आगे कहा जब हम आसमान में अपने देश में बने लड़ाकू विमान तेजस को कलाबाजियां खाते देखते हैं, जब भारत में बने टैंक, मिसाइलें हमारा गौरव बढ़ाते हैं, जब हम दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को पहुंचते देखते हैं तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है.
पीएम मोदी ने कहा जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक सामाजिक महत्त्व की चर्चा होती है तो ये चर्चा एक नाम के बिना पूरी नहीं होती, ये नाम है संत रविदास जी का, माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास जी की जयंती भी होती है.
पीएम मोदी ने कहा रविदास जी कहते थें-करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस। कर्म मानुष का धम्र है, सत् भाखै रविदास।। अर्थात हमें निरंतर अपना कर्म करते रहना चाहिए, फिर फल तो मिलेगा ही मिलेगा, कर्म से सिद्धि तो होती ही होती है.