जितेन्द्र चौधरी: दाग ने कहा था; ऐसी जन्नत का क्या करे कोई। जिसमें लाखों बरस की हूरे हो। आज के  कोरोना काल में! कागज के इंसानों पर आग की निगरानी है, अंधी सत्ता के हाथों मासूमों को जान गंवानी है। इस देश में जहां हर कोई किसी ना किसी राजनैतिक पार्टी के विचारों का गुलाम है, जिसकी वजह से भारत का यह हाल है। किसान बेहाल है और नेता मालामाल है। तो सवाल तो खड़े होंगे ही। राहुल जी पहले तो आप यह बताइए कि देश की सीमा पर नींबू मिर्च टांकने से अगर देश की रक्षा होनी है तो फिर *राफेल* किसलिए खरीदे? विदेश नीति को राहुल जी आपने बर्बाद क्यों किया? आज एकमात्र हिंदू राष्ट्र नेपाल भी हमें आंखें दिखा रहा है। टीवी खबरों के अनुसार नेपाल की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गयी। जिसमें 4 लोग घायल हो गए और एक की मृत्यु भी हो गई। हमारा पुराना मित्र रूस भी चीन की तरफदारी कर रहा है, क्यों? जिस बांग्लादेश को आपने सैकड़ों गांव सौगात में दे दिए वह भी इतना नाराज क्यों हो गया कि हमारे प्रधानमंत्री को वहां का दौरा रद्द करना पड़ा? राहुल जी आपकी नीतियों के कारण आज म्यांमार, मलेशिया, श्रीलंका और खाड़ी के देश नाराज हैं। देश में कोरोना संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा। इस विफलता के लिए आपको तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। आपको जवाब देना चाहिए भारत के नेल्सन मंडेला लालू प्रसाद यादव को जेल में क्यों डाला? लालू जी का दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने राम रथ को रोक दिया था? सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के स्तंभ को जेल में डाल कर आप पिछड़ों की जागरूकता को दबाना चाहते हैं। आपकी वजह से जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम देश में न्याय पैदा नहीं होने दे रहा? वैसे, मनु की मूर्ति जब न्यायालय में लगी हो तो न्याय की बात ही बेमानी है। आप देश को इतना कंफ्यूज क्यों रखते हैं? कभी कहते हैं देश को सोने की चिड़िया बनाओगे, कभी विश्व गुरु बनाओगे और आजकल आप आत्मनिर्भर बना रहे हो। आपने सुप्रीम कोर्ट को भी अपना हथियार बना लिया है। उसकी आड़ में आप दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के अधिकारों पर वार कर रहे हैं। आरक्षण कोई गरीबी हटाओ कार्यक्रम थोड़ी है, बल्कि हजारों सालों से जातीय प्रताड़ना झेल रहे वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समानता व न्याय व्यवस्था की संवैधानिक पहल है। जिसे सभी संविधान निर्माताओं ने सभी पहलुओं पर विचार करके संविधान में निहित किया। आपकी वजह से लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। सुप्रीम कोर्ट भी संसद की तरह आवारा होने की राह पर है। इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा। जाति जन्म से है, इसलिए आरक्षण बहुजन का जन्मसिद्ध अधिकार है। आपकी वजह से पेट्रोल डीजल के दाम रोज बढ़ रहे हैं। यह बढ़ोतरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ने जैसी है। महामारी से परेशान जनता पर आप हथौड़ा चला रहे हैं। आपकी वजह से सियाचिन में तैनात जवान वीडियो भेज कर सोनभद्र पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहा है कि 2 साल से पुलिस मेरे मां-बाप को प्रताड़ित कर रही है। सेना के जवानों की कुछ तो चिंता कीजिए राहुल जी। आपकी वजह से पत्रकारों पर मुकदमे हो रहे हैं। विनोद दुआ पर मुकदमा सिर्फ इसलिए दर्ज हुआ कि उन्होंने कहा हमारा काम है सच्ची खबर जनमानस तक पहुंचाना। हम चाटुकार नहीं हैं, हम दरबारी नहीं हैं, हम सरकारी नहीं हैं। और आपने मुकदमा दर्ज करवा दिया। पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के सवाल पूछने से आप इतने नाराज हो गए कि आपने उत्तर प्रदेश सरकार से उन पर मुकदमा दर्ज करवा दिया। मरे हुए जानवर की खाल से बना ढोल मंदिर को अपवित्र नहीं करता। परंतु एक दलित के जाने से मंदिर अपवित्र हो जाता है। वंचित, शोषित और पीड़ित आपको कभी माफ नहीं करेगा? राहुल जी आप तुरंत इस्तीफा दो। वैसे 1947 में अगर टीवी होता तो शायद अपना भारत देश कभी आजाद नहीं होता क्योंकि अंग्रेज दौलत से भारत की मीडिया को खरीद लेते और उस समय के राग दरबारी भी वही गाते जो आज सत्ता सुख भोगने वाले दरबारी गा रहे हैं।

जितेन्द्र चौधरी

दाग ने कहा था; ऐसी जन्नत का क्या करे कोई। जिसमें लाखों बरस की हूरे हो। आज के  कोरोना काल में! कागज के इंसानों पर आग की निगरानी है, अंधी सत्ता के हाथों मासूमों को जान गंवानी है। इस देश में जहां हर कोई किसी ना किसी राजनैतिक पार्टी के विचारों का गुलाम है, जिसकी वजह से भारत का यह हाल है। किसान बेहाल है और नेता मालामाल है। तो सवाल तो खड़े होंगे ही। राहुल जी पहले तो आप यह बताइए कि देश की सीमा पर नींबू मिर्च टांकने से अगर देश की रक्षा होनी है तो फिर *राफेल* किसलिए खरीदे?

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विदेश नीति को राहुल जी आपने बर्बाद क्यों किया? आज एकमात्र हिंदू राष्ट्र नेपाल भी हमें आंखें दिखा रहा है। टीवी खबरों के अनुसार नेपाल की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गयी। जिसमें 4 लोग घायल हो गए और एक की मृत्यु भी हो गई। हमारा पुराना मित्र रूस भी चीन की तरफदारी कर रहा है, क्यों? जिस बांग्लादेश को आपने सैकड़ों गांव सौगात में दे दिए वह भी इतना नाराज क्यों हो गया कि हमारे प्रधानमंत्री को वहां का दौरा रद्द करना पड़ा? राहुल जी आपकी नीतियों के कारण आज म्यांमार, मलेशिया, श्रीलंका और खाड़ी के देश नाराज हैं। देश में कोरोना संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा। इस विफलता के लिए आपको तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। आपको जवाब देना चाहिए भारत के नेल्सन मंडेला लालू प्रसाद यादव को जेल में क्यों डाला? लालू जी का दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने राम रथ को रोक दिया था? सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के स्तंभ को जेल में डाल कर आप पिछड़ों की जागरूकता को दबाना चाहते हैं। आपकी वजह से जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम देश में न्याय पैदा नहीं होने दे रहा? वैसे, मनु की मूर्ति जब न्यायालय में लगी हो तो न्याय की बात ही बेमानी है। आप देश को इतना कंफ्यूज क्यों रखते हैं? कभी कहते हैं देश को सोने की चिड़िया बनाओगे, कभी विश्व गुरु बनाओगे और आजकल आप आत्मनिर्भर बना रहे हो। आपने सुप्रीम कोर्ट को भी अपना हथियार बना लिया है। उसकी आड़ में आप दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के अधिकारों पर वार कर रहे हैं। आरक्षण कोई गरीबी हटाओ कार्यक्रम थोड़ी है, बल्कि हजारों सालों से जातीय प्रताड़ना झेल रहे वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समानता व न्याय व्यवस्था की संवैधानिक पहल है। जिसे सभी संविधान निर्माताओं ने सभी पहलुओं पर विचार करके संविधान में निहित किया। आपकी वजह से लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। सुप्रीम कोर्ट भी संसद की तरह आवारा होने की राह पर है। इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा। जाति जन्म से है, इसलिए आरक्षण बहुजन का जन्मसिद्ध अधिकार है। आपकी वजह से पेट्रोल डीजल के दाम रोज बढ़ रहे हैं। यह बढ़ोतरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ने जैसी है। महामारी से परेशान जनता पर आप हथौड़ा चला रहे हैं। आपकी वजह से सियाचिन में तैनात जवान वीडियो भेज कर सोनभद्र पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहा है कि 2 साल से पुलिस मेरे मां-बाप को प्रताड़ित कर रही है। सेना के जवानों की कुछ तो चिंता कीजिए राहुल जी। आपकी वजह से पत्रकारों पर मुकदमे हो रहे हैं। विनोद दुआ पर मुकदमा सिर्फ इसलिए दर्ज हुआ कि उन्होंने कहा हमारा काम है सच्ची खबर जनमानस तक पहुंचाना। हम चाटुकार नहीं हैं, हम दरबारी नहीं हैं, हम सरकारी नहीं हैं। और आपने मुकदमा दर्ज करवा दिया। पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के सवाल पूछने से आप इतने नाराज हो गए कि आपने उत्तर प्रदेश सरकार से उन पर मुकदमा दर्ज करवा दिया। मरे हुए जानवर की खाल से बना ढोल मंदिर को अपवित्र नहीं करता। परंतु एक दलित के जाने से मंदिर अपवित्र हो जाता है। वंचित, शोषित और पीड़ित आपको कभी माफ नहीं करेगा? राहुल जी आप तुरंत इस्तीफा दो। वैसे 1947 में अगर टीवी होता तो शायद अपना भारत देश कभी आजाद नहीं होता क्योंकि अंग्रेज दौलत से भारत की मीडिया को खरीद लेते और उस समय के राग दरबारी भी वही गाते जो आज सत्ता सुख भोगने वाले दरबारी गा रहे हैं।

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