नई दिल्ली: पायलट और उनके समर्थक विधायकों के बग़ावती तेवरों के बाद कांग्रेस आलाकमान भी सख़्त होता दिख रहा है, विधायक दल की बैठक में पायलट और ग़ैर-हाज़िर रहे विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया है, इसके अलावा बैठक से ग़ैर-हाजिर रहे विधायकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी करने जा रही है, यह भी ख़बर है कि बैठक में मौजूद सभी विधायकों ने एकमत से विधायक दल के नेता के रूप में गहलोत का ही समर्थन किया है,
सोमवार को हुई बैठक से भी पायलट और उनके समर्थक विधायक ग़ैर-हाजिर रहे थे, गहलोत खेमे की ओर से दावा किया गया था कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन है जबकि उप सीएम पायलट के गुट का कहना है कि यह दावा झूठा है, ख़बरों के मुताबिक़, पायलट समर्थकों ने विधानसभा में फ़्लोर टेस्ट कराने की मांग की है, पायलट के समर्थक विधायक मुकेश भाकर के ट्वीट ने कहानी बहुत हद तक साफ कर दी है कि पायलट झुकने के मूड में नहीं हैं, भाकर ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है, उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है,’
सचिन पायलट की बग़ावत के कारण परेशान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक और झटका लगा है, राज्य सरकार को समर्थन दे रही भारतीय ट्राइबल पार्टी ने अपने दोनों विधायकों को पत्र जारी कर कहा है कि वे सदन में फ़्लोर टेस्ट के लिए वोटिंग के दौरान तटस्थ रहें, ऐसे में यह गहलोत सरकार के लिए एक नई मुश्किल का सबब बन सकता है क्योंकि बीजेपी के कई नेताओं ने कहा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है और उन्होंने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है, पार्टी ने विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर आप पार्टी के व्हिप की अनदेखी करते पाए जाएंगे तो पार्टी की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी