नई दिल्ली: राजस्थान में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच क्या मोदी सरकार सीएम गहलोत पर दबाव बनाने के लिए दूसरे तरीके अपना रही है? दरअसल आयकर विभाग ने गहलोत के नज़दीकी समझे जाने वाले धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ा के यहां छापे मारे हैं, मीडया रिपोर्ट के आनुसार ख़बर है कि आयकर विभाग के 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिल्ली और राजस्थान के कई जगहों पर छापेमारी की है, यह छापेमारी गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर की गई है,

सोमवार सुबह आयकर विभाग की टीम अशोक गहलोत के करीबी और आभूषण बनाने वाली कंपनी के मालिक राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर  पहुँची, उनके घर और दफ़्तरों पर छापेमारी चल रही है, इस अभियान की खास बात है कि इस छापेमारी की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी, आयकर विभाग की टीम केंद्रीय रिजर्व पुलिस के साथ छापेमारी कर रही है, सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर रविकांत शर्मा पर ईडी ने छापे मारे हैं, ईडी रविकांत शर्मा से विदेश से आए करोड़ों रुपये के बारे में पूछताछ कर रहा है, पिछले दिनों ही ईडी ने रविकांत शर्मा को नोटिस भेजा था,

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कांग्रेस ने राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र अरोड़ा के करीब 24 ठिकानों पर चल रही छापेमारी पर सवाल उठाए हैं, उसने बीजेपी पर गहलोत सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है, इसके साथ ही कांग्रेस ने बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिए आयकर विभाग की छापेमारी पर भी सवाल पूछे हैं, आयकर विभाग की टीम ने जिन राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर छापेमारी की है, वह राजस्थान कांग्रेस का पैसें का लेनदेन देखते हैं, इस छापेमारी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, कांग्रेस, बीजेपी पर हमलावर है और गहलोत सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रही है,

संबित पात्रा ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया है, उन्होंने कहा है कि कोरोना के कारण आयकर विभाग ने छापेमारी रोकी थी, अब फिर से आयकर विभाग की कार्रवाई कर रही है, इस छापेमारी और राजस्थान के सियासी संकट का कोई लेना-देना नहीं है

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