नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों के प्रदर्शन को 15 दिन हो गए हैं, हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर जमा हैं.

इस बीच किसान आंदोलन और नए कृषि कानून को लेकर नरेंद्र सिंह तोमर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसके जवाब में राकेश टिकैत ने आंदोलन स्थल से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उस पर किसानों की तरफ से प्रतिक्रिया दी.

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राकेश टिकैत ने कहा कि ‘हम कृषि मंत्री को सुन रहे थे,,, उन्होंने कोई नई बात नहीं कही है, हम उनके बताए संशोधन पर तैयार नहीं हैं.

हम यहां से तब तक नहीं जाएंगे जब तक एमएसपी को नहीं दिया जाएगा,’ किसान नेताओं की मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाए.

राकेश टिकैत ने कहा कि हमने मांग की थी कि एमएसपी पर कानून बनाओ लेकिन सरकार ने नहीं बनाया, जबकि, पूरे देश का किसान यही चाहता है, इस सरकार के कार्यकाल में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट भी लागू नहीं हुई.

टिकैत ने कहा कि यदि सरकार 80 फीसदी बदलाव करने को राजी है तो समझा जा सकता है कि ये कानून कितने खराब होंगे, उन्होंने सरकार के सभी मंत्रियों से अपील की कि एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लें.

इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार लगातार किसानों से चर्चा के लिए तैयार थी, लेकिन इसी बीच 26 और 27 नवंबर को किसानों ने आंदोलन की घोषणा कर दी.

इसके बाद से बातचीत का दौर चला, जल्द ही कोई न कोई हल जरूर निकलेगा, तोमर ने कहा कि किसानों ने कानून हटाने की बात की थी लेकिन हमने जिन बिंदुओं पर परेशानी है, उस पर प्रस्ताव बनाकर भेजे, किसान की आमदनी 2022 तक दोगुनी हो, इसके लिए पीएम मोदी की अगुवाई में काम हुआ है.

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