शमशाद रज़ा अंसारी
कोरोना वायरस के संक्रमण से तो अब तक लाखों मौतें हो ही चुकी हैं, कोरोना वायरस के बाद उत्प्नन हुये हालात से हो रही मौतों का आँकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। श्रमिकों के लिए चलाई गयी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने गंतव्य से भटक रही हैं। ट्रेनें कहीं से कहीं पँहुच रही हैं। दो दिन में होने वाला सफ़र नौ दिन में पूरा हो रहा है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लेट होने का सिलसिला कुछ ऐसा है कि गुजरात के सूरत से 16 मई को सीवान के लिए निकलीं दो ट्रेनें क्रमश: उड़ीसा के राउरकेला और बेंगलुरु पहुंच गईं।
वाराणसी रेल मंडल की खोजबीन के बाद ट्रेन का पता चला। जिस ट्रेन को 18 मई को सिवान पहुंचना था, वह 9 दिन बाद सोमवार 25 मई को पहुंची। ट्रेन को गोरखपुर के रास्ते सीवान आना था, लेकिन छपरा होकर सोमवार की अहले सुबह 2.22 बजे आई। जयपुर-पटना-भागलपुर 04875 श्रमिक स्पेशल ट्रेन रविवार की रात पटना की बजाए गया जंक्शन पहुंच गई। श्रम स्थल से अपने गृह जनपद तक का सफ़र प्रवासी मजदूरों के लिए मौत का सफ़र बन रहा है। सड़क से ट्रैक और ट्रैक से ट्रेन तक में मजदूरों की मौत हो रही है। ट्रेनों में सफ़र के दौरान सात लोगों की मौत हो गयी। मरने वालों में बच्चे, नौजवान और अधेड़ उम्र के लोग भी हैं। कई घरों में ईद की ख़ुशियां मातम में बदल गयीं।
पश्चिम चंपारण जिला के चनपटिया थाना के तुलाराम घाट निवासी मोहम्मद पिंटू शनिवार को दिल्ली से पटना के लिए चले थे। सोमवार सुबह दानापुर से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे। मुजफ्फरपुर में बेतिया की ट्रेन में चढ़ने के दौरान पिंटू के चार वर्षीय पुत्र इरशाद की मौत हो गई। पिंटू ने बताया कि उमस भरी गर्मी और पेट में अन्न का दाना नहीं होने के कारण उन लोगों ने अपने लाडले को खो दिया।
महाराष्ट्र के बांद्रा टर्मिनल से 21 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर लौट रहे कटिहार के 55 वर्षीय मोहम्मद अनवर की सोमवार की शाम बरौनी जंक्शन पर मौत हो गई। अनवर बरौनी ने 10 रुपये का सत्तू खरीद कर खाया और कर्मनाशा से कटिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन पर सवार होने से पहले वह पानी लेने उतरा था, इसी बीच उसकी मौत हो गई।
सूरत से श्रमिक स्पेशल दोपहर 1 बजे सासाराम पहुंची महिला ने पति से कहा भूख लगी है। स्टेशन पर ही पति के सामने नाश्ता किया और उसके बाद कांपने लगी। पति की गोद में ही उसने दम तोड़ दिया। वह ओबरा प्रखंड के गौरी गांव की रहने वाली थी। महिला की मौत होते ही सासाराम स्टेशन पर कई लोग इधर-उधर भागने लगे। पति ने कहा मैं नि:सहाय क्या करता?
ट्रेन में तबीयत खराब हुई, अस्पताल में सांस टूट गई।
महाराष्ट्र से आ रहे एक श्रमिक की ट्रेन में हालत खराब होने के बाद उसकी मौत हो गई। वह मोतिहारी जिले के कुंडवा-चैनपुर का निवासी बताया जा रहा है। दरअसल, उसकी तबियत खराब होने के बाद उसे ट्रेन से उतारकर जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
राजकोट-भागलपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गया में सोमवार को सीतामढ़ी के खजूरी सैदपुर थाना क्षेत्र के सोनपुर गाँव के रहने वाले दम्पत्ति देवेश पंडित के 8 माह के बच्चे के शव को उतारा गया। परिवार मुम्बई से सीतामढ़ी जा रहा था। आगरा में बच्चे का इलाज हुआ लेकिन फिर भी बच्चे की कानपुर के पास मौत हो गई। अहमदाबाद से जंक्शन मुजफ्फरपुर पहुंची स्पेशल ट्रेन में कटिहार की रहने वाली 23 साल की विक्षिप्त अलविना खातून मौत हो गई। वह अपने जीजा इस्लाम खान के साथ अहमदाबाद से घर लौट रही थी। फोटो चार वर्षीय इरशाद का है। जिसकी मरने के बाद भी घर के इंतज़ार में आँखें खुली रहीं।
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