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कोरोना: बोले संजय सिंह- ‘दिल्ली की जनता मोदी सरकार के तानाशाही आदेश को नहीं स्वीकार करेंगे’

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार का दिल्ली के सभी कोरोना मरीजों को 5 दिन तक आवश्यक रूप से सरकार के क्वारंटीन सेंटर में रखने का आदेश त्रुटिपूर्ण और भेदभाव पूर्ण है। संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार और दिल्ली की जनता केंद्र की भाजपा सरकार के ऐसे तानाशाही आदेश को नहीं स्वीकार करेगी। भाजपा सरकार दिल्ली के लोगों को रेलवे कोच में रहने के लिए मजबूर करना चाहती है, जो इस गर्मी में भट्टी के अलावा कुछ भी नहीं है। संजय सिंह ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए कम से कम 60 प्रतिशत सस्ता बेड आरक्षित करना चाहती है, लेकिन केंद्र सरकार इसका विरोध करते हुए सिर्फ 24 प्रतिशत बेड ही सस्ता देने के लिए कह रही है। 

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपने निवास पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने एक तुगलकी फरमान जारी किया है कि अब यदि किसी भी व्यक्ति में कोरोना का संक्रमण पाया जाता है, तो उसे घर में आइसोलेशन करने की जगह रेलवे कोच में रखा जाएगा। संजय सिंह ने केंद्र सरकार से प्रश्न पूछते हुए कहा कि यह किस प्रकार का तानाशाही रवैया है? पूरे देश के लिए अलग कानून और केवल दिल्ली के लिए अलग कानून, ऐसा क्यों?

सांसद संजय सिंह ने प्रश्न पूछते हुए कहा कि इस प्रकार के फैसले लेने के पीछे क्या केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की मंशा दिल्ली वालों से किसी प्रकार का बदला लेने की है? पूरे देश के लिए केंद्र ने अलग नियम लागू किए और दिल्ली के लिए अलग नियम बनाए हैं। आईसीएमआर की गाइड लाइन का हवाला देते हुए संजय सिंह ने कहा कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसको कोरोना संक्रमण के हल्के फुल्के लक्षण हैं, वह अपने घर में खुद को अलग एक कमरे में आइसोलेशन में रखने का अधिकार रखता है। ऐसा आईसीएमआर की गाइडलाइन कहती है, परंतु न जाने केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की दिल्ली वालों से क्या दुश्मनी है कि भाजपा सरकार कह रही है कि पूरे देश में तो यह कानून लागू होगा, परंतु केवल दिल्ली में यह कानून लागू नहीं होगा। संजय सिंह ने कहा कि जिन रेलवे कोच में केंद्र सरकार साधारण लक्षण वाले कोरोना संक्रमित लोगों को रखने की बात कर रही है, 45 डिग्री सेल्सियस की तपती धूप में रेलवे के वह कोच भट्टी की तरह प्रतीत हो रहे हैं और ऐसे रेलवे कोच में केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों को रखने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही अन्याय एवं दिल्ली की जनता के साथ भेदभाव पूर्ण फैसला है।

संजय सिंह ने साथ ही साथ यह भी बताया कि दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता के हित में दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में 60 प्रतिशत बेड को सस्ते दामों पर इलाज के लिए आरक्षित करना चाहती है। परंतु केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार दिल्ली की जनता से न जाने कौन सा बदला ले रही है और न जाने क्यों प्राइवेट अस्पतालों के साथ खड़े होकर दिल्ली सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है? केंद्र में बैठी भाजपा सरकार कह रही है कि मात्र 24 प्रतिशत बेड ही दिल्ली की जनता के इलाज के लिए सस्ते दामों पर आरक्षित किए जाएं। आखिर इसके पीछे केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की प्राइवेट अस्पतालों से क्या सांठगांठ है? कुछ उदाहरण देते हुए संजय सिंह ने कहा कि हमने गलत तरीके से कोरोना टेस्ट कर रही प्राइवेट लैब के खिलाफ कार्यवाही की तो भाजपा को परेशानी हुई। हमने गंगाराम अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही की तो भाजपा को परेशानी हुई। आखिर भाजपा की यह प्राइवेट अस्पताल वालों के साथ क्या मिलीभगत है?

उन्होंने कहा कि आज हुई बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया जी ने इन दोनों ही बिंदुओं पर अपना पक्ष साफ तौर से उपराज्यपाल के समक्ष रख दिया है। किसी भी कीमत पर दिल्ली के लोग 47 डिग्री की इस गर्मी में रेलवे के कोच की तपती हुई भट्टी में रहने के लिए नहीं जाएंगे। दिल्ली के लोग जो होम आइसोलेशन में रहकर डॉक्टरों की सलाह के अनुसार खुद को स्वस्थ कर सकते हैं, यह प्रक्रिया यथावत जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आप जबरदस्ती किसी को पकड़ कर रेलवे कोच में बंद नहीं कर सकते। हजारों की संख्या में लोग होम आइसोलेशन में ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार के संस्थान आईसीएमआर ने खुद होम आइसोलेशन के लिए गाइडलाइन जारी की हुई है, तो केवल दिल्ली वालों के लिए अलग से नियम बनाने का क्या मतलब है?

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