नई दिल्ली : आज दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की एक सदन सभा हुई, जिसमें साउथ एमसीडी नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान जी ने भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए महापौर के इस्तीफे की मांग की।
भ्रष्टाचार का यह पूरा मामला शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले विद्यालयों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अंतर्गत आने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रति वर्ष दी जाने वाली छात्रवृति से सम्बन्धित था। आप ने एसीबी में लिखित शिकायत दर्ज की।
जांच के दौरान मिले एक दस्तावेज में 5.7 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ। नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान ने कहा पिछले लगभग 14 वर्षों में भाजपा के नेता भ्रष्टाचारी अधिकारियों को संरक्षण देते रहे हैं, जिसमें भाजपा नेताओं की संलिप्तता बराबर की रही है।
विपक्ष द्वारा कई बार आग्रह करने पर भी साउथ एमसीडी के महापौर, भाजपा नेताओं और अधिकारियों ने कभी कोई उत्तर नहीं दिया। यह बेहद शर्म की बात है कि भाजपा ने गरीब छात्र एवं छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृति को भी नही बख्शा।
आम आदमी पार्टी इस भ्रष्टाचार के अधीन आने वाले भाजपा के सभी नेताओं को तुरंत प्रभाव से निष्कासित करने की मांग करती है और साउथ एमसीडी के महापौर को तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान ने कहा, बेहद शर्म की बात है कि भाजपा ने गरीब छात्र एवं छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृति को भी नही बख्शा। शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले विद्यालयों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अंतर्गत आने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रति वर्ष छात्रवृति दी जाती है, लेकिन भाजपा इसमें भी सेंध लगाने का भ्रष्टाचार कर रही है।
पिछले लगभग 14 वर्षों में भाजपा के नेता भ्रष्टाचारी अधिकारियों को संरक्षण देते रहे हैं, जिसमें भाजपा नेताओं की संलिप्तता बराबर की रही है। विपक्ष ने कई बार आग्रह किया लेकिन साउथ एमसीडी के महापौर, भाजपा नेताओं और अधिकारियों ने कभी कोई उत्तर नहीं दिया।
आज दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की एक साधारण सदन सभा हुई, जिसमें मैंने भाजपा के इस भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पष्ट रूप से आवाज उठाई।
जब भाजपा के नेताओं ने अपने आप को फँसता हुआ पाया तो आनन-फानन में सदन बैठक को स्थगित कर दिया। भाजपा कुछ भी करे लेकिन आम आदमी पार्टी चुप नहीं रहने वाली है। हम गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को न्याय दिखाकर रहेंगे।
प्रेम चौहान ने कहा, 2012 से लेकर लगभग 2017 तक जब बच्चों के लिए डिजिटल लेनदेन का विकल्प नहीं हुआ करता था, तब दिल्ली सरकार शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले विद्यालयों के दलित समाज के बच्चों को प्रति वर्ष 500 रुपयों की छात्रवृति देती थी।
यह पैसा जब साउथ एमसीडी के सेंट्रल जोन के खाते में गया तो भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के मन में लालच आ गया। इस लालच के चलते उन्होंने एक फर्जी खाता खोला और सारा पैसा उसमें जमा कर दिया। इसके बाद इस पैसे को बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में निकाला गया।
जब आम आदमी पार्टी को इसकी भनक लगी तो इस भ्रष्टाचार को लेकर जांच शुरू की गई। जांच की खबर लगते ही भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने निकाले गए पैसे को वापस खाते में डाल दिया। घोटाले का खुलासा करने के लिए आप ने एसीबी में लिखित शिकायत दर्ज की। जांच की शुरुआत में ही एक दस्तावेज सामने आया जिसमें 5.7 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ।
यह दस्तावेज हमारे पास है और हमें लगता है कि इसके अलावा 20 करोड़ का भी घोटाला हुआ है। आम आदमी पार्टी द्वारा दबाव डालने पर एसीबी ने साउथ एमसीडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। एसीबी भाजपा के कुछ छोटे अधिकारियों को हिरासत में ले चुकी है और कुछ अभी भी बाकी हैं।
इसकी जांच जारी रहेगी तबतक इसमें शामिल सभी अधिकारियों को निष्कासित किया जाए। आम आदमी पार्टी इस भ्रष्टाचार के अधीन आने वाले भाजपा के सभी नेताओं को तुरंत प्रभाव से निष्कासित करने की मांग करती है।
साउथ एमसीडी के महापौर ने इसको लेकर न तो कोई कार्रवाई कराई और न ही कोई उत्तर दिया, इससे जाहिर होता है कि वो खुद इस घोटाले में शामिल हैं, इसलिए उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।