शमशाद रज़ा अंसारी

अमरोहा सांसद कुँवर दानिश अली ने विकास दूबे के मामले में कानपुर नगर के पूर्व  एसएसपी तथा वर्तमान में डीआईजी एसटीएफ अनंत देव की भूमिका को लेकर सवालिया निशान लगाया है। दानिश अली ने कहा है कि जब डीएसपी ने थानेदार तथा आतंकी विकास दूबे के सम्बंधों को पहले ही उजागर कर दिया था तो तत्कालीन एसएसपी ने विकास दूबे पर कार्यवाई क्यों नही की?

देश दुनिया की अहम खबरें अब सीधे आप के स्मार्टफोन पर TheHindNews Android App

दानिश अली ने बिल्हौर के शहीद क्षेत्राधिकारी देवेन्द्र मिश्र के पत्र को ट्विटर पर पोस्ट किया है। पत्र में डीएसपी ने तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को लिखा है कि थाना 13 मार्च 2020 को थाना चौबेपुर में विकास दूबे तथा उसके साथियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज़ किया गया था। जिसमें धारा 386 भी शामिल थी। विवेचक अज़हर इशरत द्वारा मुकदमें में से धारा 386 हटा दी। सीओ ने लिखा कि जब मैंने विवेचक से इस बारे में पुछा तो उन्होंने बतया कि मैंने थानेदार विनय तिवारी के कहने पर ऐसा किया है। थानाध्यक्ष द्वारा विकास दूबे के प्रति नरमी बरतने तथा विकास दूबे के पास आने जाने को लेकर डीएसपी देवेन्द्र मिश्र ने कहा था कि यदि थानेदार की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नही हुआ तो गम्भीर घटना घट सकती है।दानिश अली ने डीएसपी द्वारा लिखे गये इस पत्र को ट्वीट में सलंग्न किया है।

दानिश अली ने ट्वीट में लिखा है *”कानपुर में 7 पुलिसकर्मियों के साथ शहीद हुए डीएसपी देवेंद्र मिश्रा ने क्षेत्र के एसएसपी को घटना से पहले ही पत्र लिखकर स्थानीय थानेदार व आतंकी #विकासदूबे के बीच सांठगांठ को उजागर किया था एक अधिकारी के चेताने के बावजूद आतंकी के ख़िलाफ़ कोई सटीक एक्शन कियों नहीं लिया गया?”*

आपको बता दें कि जिस समय का यह पत्र है उस समय कानपुर नगर के एसएसपी अनंत देव थे। वर्तमान में वह एसटीएफ में डीआईजी है। पदोन्नति के बाद अनंत देव की 16 जून को एसटीएफ डीआईजी में तैनाती की गयी थी। अनंत देव के स्थान पर दिनेश कुमार पी ने कानपुर नगर की कमान सम्भाली थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here