नई दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बेहद चिंताजनक आंकड़ा सामने आया, वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी में -23,9 फीसदी की भारी-भरकम गिरावट आई है, ये पिछले 40 सालों की सबसे बड़ी गिरावट है और देश के सामने एक बहुत बड़ा आर्थिक संकट है इस बात का स्पष्ट संकेत है, ऐसे में तमाम तरह के सुर इस आंकड़े पर देखने को सामने आ रहे हैं और राजनेताओं से लेकर आम जनता तक इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
अब शत्रुघ्न सिन्हा ने इसको लेकर एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने जीडीपी में आई इस गिरावट पर बड़ी चिंता जताई है, शत्रुघ्न सिन्हा ने आज एक ट्वीट में लिखा कि “जिस तरह हमने जीडीपी के 23 फीसदी गिरने की दिल तोड़ने वाली खबर सुनी, दुर्भाग्यवश से यह 40 सालों में सबसे खराब गिरावट रही है, मुझे उम्मीद है और मैं दुआ भी करता हूं कि इसे भी ‘एक्ट ऑफ गॉड-ईश्वर के कदम’ का जिम्मेदार न ठहराया जाए.
बता दें कि ये एक्ट ऑफ गॉड की बात शत्रुघ्न सिन्हा ने इसलिए की क्योंकि हाल ही में पिछले हफ्ते जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना को ईश्वर का कृत्य या “एक्ट ऑफ गॉड” बता डाला था, उनके मुताबिक कोरोना वयरस ईश्वर की देन है और इसकी वजह से जीएसटी कलेक्शन में बड़ी गिरावट आई, वित्त मंत्री के इस बयान के बाद वो विपक्ष के निशाने पर तो आ ही गईं, सोशल मीडिया पर भी उनकी खूब किरकिरी हुई, लोगों ने तो यहां तक कहा कि अगर सब कुछ भगवान की देन है तो सरकार की जरूरत ही क्या है.
कल राष्ट्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने जीडीपी के आंकड़ों को जारी करते हुए बताया कि कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन का औद्योगिक और सामान्य गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा जिसके चलते करोड़ों मजदूर रोजगार से हाथ धो बैठे, देश की आर्थिक विकास दर में 23,9 फीसदी की भारी-भरकम गिरावट आ गई.
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई