शमशाद रज़ा अंसारी
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर्स तथा स्वास्थ्यकर्मियों की सैलरी समय और न देने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि वह कोरोना के खिलाफ लड़ रहे डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सैलरी समय पर दे, सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिका पर सुनवाई के दौरान केन्द्र ने कहा कि उसने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, केन्द्र ने बताया कि 4 राज्यों ने इन्हें अभी तक लागू नहीं किया है, केन्द्र के इस स्टैंड पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि आप असहाय नहीं हैं, आप इसे देखें कि आपके आदेश का पालन हुआ है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सदस्य जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि डीएम एक्ट के तहत आपको शक्तियां मिली हुई हैं, इसलिए आप इस दिशा में कदम भी उठा सकते हैं.
ज्ञात हो कि कोरोना संकट के बीच में स्वास्थ्य कर्मियों की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, याचिका में याचिकाकर्ता ने शिकायत की थी कि स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर क्वारंटीन पीरियड को छुट्टी के तौर पर ट्रीट किया जा रहा है और कर्मचारियों की सैलरी काटी जा रही है, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से जवाब मांगा तो केन्द्र की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसे छुट्टी की तरह नहीं ट्रीट किया जा सकता और इस मामले की जांच की बात कही, सर्वविदित है कि कोरोना महामारी के इस संकट में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी ही फ्रंटलाइन वॉरियर्स हैं, कोरोना से लड़ाई के चलते अभी तक कई डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत हो चुकी है.
ऐसे में जब ये लोग महामारी के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं तो सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सैलरी समय पर नहीं मिलने की खबरें भी सामने आयी हैं, यही वजह है कि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते जून माह में केन्द्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा था कि वह यह सुनिश्चित करे कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की सैलरी का समय से भुगतान किया जाए, इसके बाद केन्द्र द्वारा इस मामले में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए थे, अब कोर्ट ने इस मामले पर फिर से सुनवाई की है और केन्द्र सरकार को फटकार लगायी है.
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई