नई दिल्ली : सुशांत सिंह राजपूत केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ठाकरे सरकार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. कानून मंत्री अनिल परब ने कहा कि इसमें हार-जीत जैसा कुछ नहीं है. अनिल परब ने कहा कि ना बिहार जीता और ना ही ठाकरे सरकार की हार हुई है. अनिल परब ने यह भी कहा कि कोर्ट ने मुंबई पुलिस की जांच को गलत नहीं कहा. ऐसे में किसी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है. कोर्ट के फैसले को हम चुनौती देंगे या नहीं, इस पर हम आगे निर्णय लेंगे.
मंत्री अनिल परब ने कहा कि सरकार केवल यह कह रही थी कि केस की जांच मुंबई पुलिस को दी जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो मामला बाद में सीबीआई को भेजा जा सकता है. उन्होंने कहा कि क्योंकि घटना मुंबई में हुई, इस वजह से मुंबई पुलिस को जांच करनी चाहिए थी. कानून मंत्री ने कहा कि हमारा विचार था कि फेडरल स्ट्रक्चर को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए. विपक्ष राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है. सरकार का मानना है कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. लेकिन अगर ये सिर्फ आत्महत्या का मामला है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.
अनिल परब ने कहा कि बीजेपी ने सोचा कि उनके अलावा कोई और में सरकार नहीं चला सकता. वे इस मामले के जरिए ठाकरे को बदनाम कर रहे हैं. विपक्ष सुशांत के प्रति सहानुभूति नहीं दिखा रहा. वे केवल ठाकरे पर आरोप लगा रहे हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत केस में अहम फैसला सुनाते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. कोर्ट के इस फैसले का देश ने स्वागत किया है.
उधर, कोर्ट के इस फैसले के बाद मुंबई में हलचल तेज हो गई. मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह मंत्री अनिल देशमुख से मिलने उनके दफ्तर पहुंचे. इससे पहले परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री ठाकरे से भी मुलाकात की थी. प्रमुख सचिव अमिताभ गुप्ता ने गृह मंत्री अनिल देशमुख से की मुलाकात. देशमुख दोपहर से लगातार सूबे के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं.
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई
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