ग्वालियरः  केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि नए कृषि कानून से देश के किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलेगी। यह कानून किसानों के हित संरक्षण और उनकी माँगों के अनुरूप बनाया गया है। इस कृषि कानून में समर्थन मूल्य को खत्म नहीं किया जायेगा। नरेन्द्र तोमर आज यहां फूलबाग में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्य के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, ओपीएस भदौरिया, भारत सिंह कुशवाह के अलावा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, संध्या राय, के पी यादव, अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, पूर्व राज्य मंत्री गिर्राजराज दण्डौतिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा कि कृषि उपज मंडियों को भी बंद नहीं किया जायेगा। किसान अपनी फसलों को देश के अन्य राज्यों जहां उसे उचित मूल्य मिलेगा बेच सकेंगे। किसान फसल उगाने से पहले ही उपज दाम तय कर सकेंगे। कृषि कानूनों के तहत खरीददारों को समय पर किसानों को भुगतान करना होगा, वरना कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। कानून के तहत किसान अपनी इच्छानुसार कभी भी समझौते को समाप्त करके जहाँ उसे उचित मूल्य मिलेगा वहाँ अपनी फसल बेच सकेगा।

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नरेन्द्र तोमर ने कहा कि दक्षिण भारत सहित अन्य राज्यों के किसानों ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित किसान हितैषी कानून का तहेदिल से स्वागत किया है। वहीं पंजाब, हरियाणा के किसानों को विपक्षी राजनैतिक दलों द्वारा भड़काया जा रहा है, ताकि वे किसानों की आड़ में राजनैतिक रोटियां सेक सकें। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून में किसानों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखकर ही बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 से लगातार किसानों के कल्याण के लिये प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों से आमदनी का धंधा तभी बन सकेगा, जब परंपरागत खेती को छोड़कर किसान आधुनिक तकनीकी को अपनाकर विभिन्न आयामों से जुड़ें, ताकि किसान आमदनी मुनाफे की श्रेणी में आ जाये। इसके लिये केन्द्र सरकार के साथ प्रदेश सरकारों को आगे कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री सम्मान निधि पर चर्चा करते हुये केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना में किसानों को एक वर्ष में 3 किश्तों में 6 हजार रूपये दिये जाते थे। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देते हुये कहा कि वे भी 2-2 हजार रूपये दो-दो किश्तों में देंगे। इस तरह अब किसानों की यह निधि 10 हजार रूपये तक पहुंच जायेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में केन्द्र सरकार 75 हजार करोड़ रूपये किसानों के खातों में डाल रही है। उन्होंने कहा कि बड़े परिवारों में बटवारे हो जाने से छोटे-छोटे भागों में खेत हो गये है। प्रधानमंत्री ने इन छोटे-छोटे मझोले किसानों के लिये कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये एफपीओ बनाया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद श्री सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार किसानों के हित संरक्षण के लिये संकल्पित है। उन्होंने कहा कि अन्नदाता देश, प्रदेश का ही नहीं पूरे विश्व के लोगों का पेट भरता है। फसल बोते समय खाद-बीज डालने के साथ-साथ अपना पसीना बहाकर एक वटवृक्ष तैयार करके हम तक फसल पहुँचाता है। आज चंद लोग किसानों के हित संरक्षण के लिये बनाए कानून में रोड़ा अटका रहे हैं।

श्री सिंधिया ने कहा कि मूलत: लोग भगवान की पूजा-आराधना करते हैं। किंतु वास्तविक भगवान देश का अन्नदाता है, जो सारे देश की मौलिक आवश्यकता की पूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि भारत के किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित संरक्षण के लिये तीन कृषि बिल पारित किए गए हैं। यह तीनों बिल किसानों को अपनी फसल बोने से लेकर उत्पादन बेचने तक की स्वतंत्रता देते हैं। उन्होंने कहा कि अब नए कृषि कानून के तहत किसानों को खाद बीज के भण्डारण की पूर्व से ही व्यवस्था रहेगी।

उन्होंने कहा कि 22 करोड़ किसानों को खेत मिट्टी परीक्षण कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं ताकि किसानों के हाथ और मजबूत हो सकें। उन्होने कहा कि कोरोना के संकट में भी किसानों ने खेती करके देश की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कृषि अधोसंरचना में एक लाख करोड़ रूपए कृषि कोष में जमा कराए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के हितों के लिये संकल्पित है।

कार्यक्रम को अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने संबोधित करते हुए विस्तार से नए कृषि कानून से किसानों को होने वाले फायदों का उल्लेख किया।

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