नई दिल्ली : यूपी आईएमए ने यूपी सरकार के सुरेश खन्ना, मेडिकल एजुकेशन मंत्री को पत्र लिख कर डॉक्टर कफ़ील खान के निलम्बन को तत्काल रद्द कर उनकी बहाली माँग की है. डॉक्टर कफ़ील खान पिछले 3 सालों मे 9 अलग-अलग जांच समिति की रिपोर्ट और उच्च न्यायालय से चिकित्सा लापरवाही और भ्रष्टाचार पर क्लीन चिट मिलने के बावजूद निलम्बित हैं|
अन्य सभी डॉक्टर, जिनहे उनके साथ निलम्बित कर दिया गया था, को बहाल कर दिया गया है|
9 विभिन्न जांच समितियां जिनहोने से जांच की –
1-जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
2-आयुक्त, गोरखपुर जोन, उत्तर प्रदेश
3-महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा, उत्तर प्रदेश
4-एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ ,उत्तर प्रदेश
5-अगस्त 2017 को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफदरगंज अस्पताल की टीम भेजी थी अपनी रिपोर्ट दी |
6-मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश |
7-उच्च न्यायालय ने सितम्बर 2017 मे जांच पूरी की |
8-विभागीय जांच प्रमुख सचिव स्टाम्प और पंजीकरण हिमांशु कुमार द्वारा 18 अप्रैल 2019 को प्रस्तुत की गई |
डॉ0 कफील खान ने अधिकारियों को 25 से अधिक पत्र लिख कर अपना निलम्बन रद्द करने का अनुरोध किया है . रासुका निरस्त होने के बाद उन्होंने 18 सितम्बर 2020 / 13 अक्टूबर 2020 / 6 नवम्बर 2020 को लिखा है|
डाक्टर कफ़ील खान ने आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन), आइएपी (इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स), एनएनएफ़ (नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम), पीएमसएफ़ (प्रोग्रेसिव मेडिकोस एंड साइंटिस्ट्स फोरम) और एमएससी (मेडिकल सर्विस सेंटर) को पत्र लिख कर अपने निलम्बन को ख़त्म कराने में मदद माँगी थी, उनका कहना है कोरोना वायरस महामारी और डॉक्टरों की अत्यधिक कमी को देखते हुये उन्हे देश की सेवा का मौका दिया जाए