लखनऊ (यूपी) : UP में इस साल के अंत में होने वाले पंचायत चुनाव पर भी कोरोना महामारी का प्रभाव पड़ा है, इसी वजह से ग्राम प्रधानी के ये चुनाव कुछ महीनों के बाद हो सकते हैं, हालांकि अभी तक इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
लेकिन आयोग की तैयारियों को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है, आपको बता दें कि UP की पंचायतों का कार्यकाल अगले महीने दिसंबर के अंत में समाप्त हो रहा है, 25 दिसंबर को प्रदेश की पंचायतों के कार्यकाल समाप्त हो जाएंगे, लेकिन अभी तक चुनाव आयोग वोटर लिस्ट संबंधी तैयारियों में जुटा है.
दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग ने दो महीने पहले सितंबर के मध्य में मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम की घोषणा की थी, इसकी विधिवत सूची जारी की गई थी, जिसमें बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना एवं सर्वेक्षण, ऑनलाइन आवेदन करने की अवधि, आवेदन पत्रों की घर-घर जाकर जांच करने की अवधि, ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन आदि की तिथि भी जारी की गई थी.
निर्वाचन आयोग की इस लिस्ट के तहत 1 अक्टूबर से लेकर 29 दिसंबर तक के कार्य तय किए गए हैं, इस लिस्ट के आधार पर ही अनुमान लगाया जा रहा है कि यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव अब तय समय पर नहीं हो सकेंगे, चुनाव की तिथि आगे बढ़ाई जाएगी.
पंचायतों के सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने के बाद की व्यवस्था भी आयोग ने कर ली है, जानकारी के मुताबिक सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने पर उनकी जगह आयोग की ओर से किसी ऑब्जर्वर को सदस्यों की कुर्सी पर बिठाया जाएगा, यानी जब तक पंचायत चुनाव संपन्न नहीं हो जाएंगे.
तब तक पंचायत सदस्यों का कामकाज यह ऑब्जर्वर ही देखेगा, निर्वाचन आयोग की ओर से वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन साल 2020 के अंत में यानी 29 दिसंबर को कराया जाएगा, यानी इसके बाद ही चुनाव कराए जाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा.
इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य निर्वाचन आयोग पिछले दो महीनों से पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटा है, इसके तहत आयोग की ओर से प्रदेश के विभिन्न जिलों में मतपत्र भेजे जाने लगे हैं, बताया गया है कि ये मतपत्र अलग-अलग रंग के हैं, जिलों में इन मतपत्रों को सुरक्षित रखवाया जा रहा है, इसके अलावा अन्य प्रशासनिक तैयारियां भी की जा रही हैं.