नई दिल्ली : उत्तराखंड के चमोली जिले में आठ दिन पहले आई त्रासदी के बाद अबतक 53 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को 15 और शव मिले हैं.
इनमें से पांच शव 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड सुरंग से मिले हैं, इसके अलावा सात शव रैणी गांव से और एक शव रूद्रप्रयाग जिले से मिला है.
तपोवन-विष्णुगाड सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी का संयुक्त बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है.
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि आपदा में लापता 206 लोगों मे से अभी तक 53 लोगों के शव विभिन्न स्थानों से बरामद हुए हैं, अब भी 154 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है.
जलस्तर बढ़ने के बाद यहां एक पूरी सुरंग मलबे से भर गई थी, अब इस सुरंग से करीब 150 मीटर तक मलबा निकाला जा चुका है, साथ ही यहां ड्रिलिंग भी शुरू कर दी गई है, एनटीपीसी ने कहा है कि करीब 10 से 12 घंटे में सुरंग के भीतर की वस्तुस्थिति का पता चल सकेगा.
तपोवन बैराज परिसर में दोनों ओर पोकलैंड और जेसीबी मशीनें युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं, जबकि बाढ़ प्रभावित नदी किनारे में जिला प्रशासन के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम खोजबीन में लगी हुई है.
चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने के बाद आई बाढ़ के बाद 154 अन्य अभी भी लापता हैं, इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे लोग भी शामिल हैं, बाढ़ के कारण 13,2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी.
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