नई दिल्ली/लखनऊ: कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है, जबकि पुलिस का दावा है कि विकास दुबे ने भागने की कोशिश की थी, इस दौरान उसे गोली लगी, इस बीच विकास दुबे एनकाउंटर केस में यूपी एसटीएफ बयान जारी किया है, एसटीएफ ने कहा, ‘अभियुक्त विकास दुबे को एसडीएफ लखनऊ टीम द्वारा पुलिस उपाधीक्षक तेजबहादुर सिंह के नेतृत्व में सरकारी वाहन से लाया जा रहा था, यात्रा के दौरान जनपद कानपुर नगर के सचेण्डी थाना क्षेत्र के कन्हैया लाल अस्पताल के सामने पहुंचे थे कि अचानक गाय-भैंसों का झुण्ड भागता हुआ मार्ग पर आ गया, लंबी यात्रा से थके हुए चालक द्वारा इन जानवरों से दुर्घटना को बचाने के लिए अपने वाहन को अचानक से मोड़ने पर वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया,’

बयान में आगे कहा गया है, ”अचानक हुई इस घटना से इस गाड़ी में बैठ पुलिस अधिकारियों को गंभीर चोटे आई और क्षणिक रूप से अर्थ चेतनावस्था में चले जाने के कारण साथ में बैठा दुस्साहसी दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे अचानक घटित हुई इस परिस्थिति का लाख उठाकर घायल निरीक्षक रमाकांत पचौरी की सरकारी पिस्टल को झटके से खींच लिया और दुर्घटना ग्रस्त सरकारी वाहन से निकलकर कच्चे मार्ग पर भागने लगा,’ यूपी एसटीएफ ने आगे कहा कि पीछे से आ रहे दूसरे सरकारी वाहन में बैठे पुलिस उपाधीक्षक और अन्य अधिकारी के दुर्घटना ग्रस्त वाहन के पास पहुंचने पर घायल पुलिस कर्मियों द्वारा बताया गया कि विकास दुबे अचानक हुई सड़क दुर्घटना की परिस्थितियों का लाभ उठाकर कच्ची सड़क की तरफ फरार हो गया,

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इस जानकारी के बाद घायल पुलिस कर्मियों को अस्पताल भेजा गया और विकास दुबे का पीछा किया गया, विकास दुबे फिर पुलिस से छीनी गई पिस्टल से पुलिस पर फायर करने लगा, अभियुक्त को जिन्दा पकड़ने की भरपूर कोशिश किए गए, लेकिन जैसे ही नजदीक पहुंचे विकास दुबे ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगा, एसटीएफ ने कहा कि कोई विकल्प नहीं होने की दशा में पुलिस बल ने आत्मरक्षा के लिए फायरिंग किए, विकास दुबे जबावी कार्यवाही में गोली लगने से घायल होकर गिर गया, फिर प्राथमिक उपचार के लिए तुरंत उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया, विकास दुबे द्वारा की गई फायरिंग में एसटीएफ के मुख्य आरक्षी शिवेंद्र सिंह सेंगर और आरक्षी विमल यादव घायल हो गए, जिनका उपचार चल रहा है,

विकास दुबे को बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसे उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था, गौरतलब है कि दो तीन जुलाई की दरमियानी रात कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए पुलिस दल पर दुबे और उसके साथियों ने गोलियां बरसाई थीं, जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे

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