नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन को एक महीना पूरा हो चुका है, दूसरा चरण 3 मई तक चलना है, मगर कई राज्यों ने दूसरे स्टेट्स में बसें भेज दी हैं, इन बसों में सवार होकर लोग अपने-अपने राज्य वापस लौटेंगे, कई हजार प्रवासी तो अपने-अपने राज्य पहुंच भी चुके हैं, यूपी ने शनिवार से ही इसकी शुरुआत कर दी थी, मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र को पत्र लिखा है कि वहां के लोगों को वापस आने दें, महाराष्ट्र ने राजस्थान सरकार से अपने लोगों के लिए सेफ पैसेज मांगा है, छत्तीसढ़ ने भी कोटा में बसें भेजकर डेढ़ हजार छात्रों को बुलवा लिया है, जम्मू-कश्मीर ने भी अपने लोगों को अलग-अलग राज्यों से बुलाना शुरू कर दिया है,
यह हाल तब है कि कई राज्य लॉकडाउन को 3 मई के बाद भी जारी रखना चाहते हैं, क्या प्रवासी मजदूरों को इसलिए बुलाया जा रहा है ताकि उन्हें अपने ही राज्य में रखा जाए, इसी दौरान, लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोला जाए, यह भी संभव है कि प्रवासी मजदूरों का संकट दूर करने के बाद, सावधानीपूर्वक आर्थिक गतिविधियां शुरू हों मगर लॉकडाउन की मियाद बढ़ा दी जाए, क्योंकि अगर प्रवासी मजदूरों के बाहर रहते लॉकडाउन बढ़ा तो हालात बेकाबू हो सकते हैं, कई राज्यों से पिछले एक महीने में ऐसी तस्वीरें आ चुकी हैं, महाराष्ट्र के सीएम ठाकरे ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे प्रवासी मजदूरों के मसले पर केंद्र सरकार से बात कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि जो भी संभव होगा, वो किया जाएगा, हालांकि उद्धव ने साफ कहा कि ‘एक बात तय है कि ट्रेनें चलने नहीं जा रहीं क्योंकि हमें भीड़ नहीं चाहिए, वर्ना लॉकडाउन को और आगे बढ़ाना पड़ेगा,’
जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेट्री (प्लानिंग) रोहित कंसल ने बताया कि कल यानी सोमवार को कोटा से 376 कश्मीर स्टूडेंट्स को लेकर बसें चलेंगी, उन्होंने कहा कि सब इंतजाम हो गए हैं, कंसल ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की, इससे पहले भी, जैसलमेर व अन्य जगहों पर फंसे स्टूडेंट्स व बाकी कश्मीरियों को वापस लाया गया है, नांदेड के तख्त सचखंड श्री हुजूर साहिब गया सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था रविवार सुबह पंजाब लौट सका, ये सभी मार्च के महीने में वहां गए थे, तभी लॉकडाउन हो गया और ये सब फंस गए,
गुजरात में फंसे मध्य प्रदेश के सैकड़ों प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के बीच ही वापस लौट चुके हैं, 98 बसों में करीब 2400 मजदूरों को लाया गया, उनकी स्क्रीनिंग के बाद उन्हें जाने दिया गया, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के बाकी हिस्सों में फंसे लोगों को भी लाया जाएगा, राजस्थान से भी एमपी के लोगों को लाया जा रहा है, लॉकडाउन को एक महीना पूरा हो जाने के बाद राज्य अपने लोगों को वापस लाने में तेजी दिखा रहे हैं, अबतक यही कहा जा रहा था कि लोग जहां हैं, वहीं रहें, इसके बाद जब कई राज्यों से खबरें आई हैं कि मजदूर पैदल ही निकल पड़े हैं, कई जगह भारी भीड़ जुट गई तो मजबूरन राज्यों ने शायद बसें भेजने का फैसला किया, रेलवे और हवाई यातायात तो बंद ही रहेगा, ऐसे में बस ही एकमात्र विकल्प बचता है, चूंकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम नहीं हो रहे हैं, कई राज्य चाहते हैं कि 3 मई के बाद भी लॉकडाउन जारी रखा जाए, इसलिए यह सारी कवायद उस दिशा में भी हो सकती है कि लोग अपने-अपने राज्य लौट आएंगे तो शायद लॉकडाउन का अंतिम दौर बेहद प्रभावी रहे,
शनिवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ मीटिंग की, इस मीटिंग में कई राज्यों ने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने का सुझाव दिया, पंजाब, गुजरात, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने केंद्र सरकार से इस तरह के मूवमेंट्स के लिए प्रोटोकॉल तय करने की मांग की है, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस मीटिंग में इस पूरी कवायद पर कोई देशव्यापी फैसला लिया जा सकता है