Header advertisement

क्या अब अमेरिका में भी लगेगा TikTok पर प्रतिबंध?

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने भारत में 59 चीनी मोबाइल ऐप्स के प्रतिबंधित होने के बाद क्या अमेरिका में भी ऐसा ही होने जा रहा है? यदि ऐसा हुआ तो चीनी पर क्या असर पड़ेगा? विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने फ़ाक्स न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि वह ‘इस पर निश्चित तौर पर विचार कर रहे हैं।’ भारत ने 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था तो पॉम्पिओ ने इसका समर्थन किया था और कहा था कि इससे भारत की संप्रभुता मजबूत होगी। यह बाद दीगर है कि उस समय अमेरिका में कोई चीनी ऐप्स प्रतिबंधित नहीं था।

यदि अमेरिका ने चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया तो सबसे अधिक असर टिक टॉक पर पड़ेगा क्योंकि उसके लिए अमेरिका बहुत बड़ा बाज़ार है। मोबाइल ऐप्स और उनके कारोबार पर नज़र रखने वाली संस्था सेन्स टॉवर के आँकड़ों के मुताबिक़, 150 देशों में 1 अरब से ज़्यादा लोग टिक टॉक का इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका में 17.50 करोड़ लोगों ने टिक टॉक को अपने मोबाइल फ़ोन पर डाउनलोड कर रखा है। सेन्सर टॉवर के अनुसार, अप्रैल 2020 तक टिक टॉक को 2 अरब बार डाउनलोड किया जा चुका था। भारत में यह ऐप्स 50 करोड़ बार डाउनलोड हुआ था।

यदि अमेरिका ने टिक टॉक को प्रतिबंधित किया तो इसे सबसे ज़्यादा नुक़सान होगा क्योंकि अमेरिका इसका सबसे बड़ा बाज़ार है। नवंबर 2018 में अमेरिका में टिक टॉक के 2 करोड़ नियमित उपभोक्ता थे, लेकिन इस समय वहाँ 6.50 करोड़ लोग इसका प्रयोग करते हैं। अमेरिका में टिक टॉक पर जासूसी का आरोप नई बात नहीं है, इस तरह के आरोप शुरू से लगते रहे हैं, जिसका कंपनी बीच बीच में खंडन भी करती रही है। अक्टूबर 2019 में अमेरिकी नेशनल इंटेलीजेन्स के कार्यवाहक निदेशक जोजफ़ मैकगॉयर ने कहा था कि टिक टॉक से जासूसी मुमकिन है। लगभग उसी समय सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा था कि इस बात की जाँच होनी चाहिए कि चीन सरकार टिक टॉक के जरिए राजनीतिक सेन्सरशिप का इस्तेमाल करती है।

अमेरिकी सीनेट में माइनॉरिटी लीडर चक शुमर और सीनेटर टॉम कॉटन ने माँग की थी कि इसकी जाँच होनी चाहिए कि क्या टिक टॉक अमेरिकी सुरक्षा के लिए ख़तरा है। भारत में चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद अमेरिका में यह मुद्दा एक बार फिर गर्म हुआ था और कई सीनेटर व हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव्स के सदस्यों ने कहा था कि चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगना चाहिए। अमेरिका ने अब तक किसी चीनी ऐप के ख़िलाफ़ कोई कदम नहीं उठाया है।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *