शमशाद रज़ा अंसारी
कानपुर में पुलिसकर्मियों के हत्यारोपी विकास दूबे को लेकर एक बार फिर बसपा सांसद कुँवर दानिश अली ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। दानिश अली ने विकास दूबे तथा डॉ कफील का हवाला देते हुये योगी सरकार को अपराधियों पर नरम तथा देशभक्तों पर सख़्त बताया है।
सोमवार को #ReleaseDrKafeelkhan हैशटैग के साथ किये ट्वीट में कुँवर दानिश अली लिखते हैं ” यूपी सरकार विकास दुबे जैसे दुर्दांत अपराधियों और आतंकवादियों पर नरम दिखायी देती है लेकिन सैंकड़ों बच्चों की जान बचाने वाले डॉ क़फील जैसे देशभक्त को जेल में डाल देती है। @myogiadityanath जी वैचारिक मतभेद कोई अपराध नहीं बल्कि हमारे लोकतंत्र की विशेषता है।”
दानिश अली ने मुख्यमंत्री को टैग करते हुये लिखा कि वैचारिक मतभेद कोई अपराध नही,बल्कि हमारे लोकतन्त्र की विशेषता है। ट्वीट के साथ दानिश अली ने डॉ कफील द्वारा जेल से लिखे गये चार पेज भी सलंग्न किया है। जिनमें डॉ कफील ने जेल की दिनचर्या बताते हुये जेल में हो रही परेशानियों का उल्लेख किया है।
ग़ौरतलब है कि जहाँ एक तरफ आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला दुर्दांत अपराधी विकास दूबे अभी तक पुलिस की गिरफ़्त में नही आया है तो वहीँ दूसरी तरफ गोरखपुर में अस्पताल में बच्चों की जान बचाने वाले डॉ कफील भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बन्द हैं।
ज्ञात हो कि यूपी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत हो गई थी। डॉ. कफील गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वॉर्ड के प्रभारी थे। वह ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में चर्चा में आए थे। इसके बाद नागरिकता कानून(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आयोजित प्रदर्शन के दौरान उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
आरोप है कि इस दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी टिप्पणी की थी। इसके बाद सिविल लाइंस थाना में डॉ. कफील के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने डॉ. कफील को मुंबई से गिरफ्तार किया था। अलीगढ़ लाए जाने के बाद उन्हें मथुरा जेल भेज दिया गया था। डॉ. कफील तब से मथुरा जेल में ही बंद हैं।