प्राइवेट स्कूल की फीस को लेकर मनमानी करने पर केजरीवाल सरकार ने शुरू की अधिग्रहण की प्रक्रिया, उपराज्यपाल ने दी मंजूरी

शमशाद रज़ा अंसारी
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगे लॉकडाउन के कारण सभी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है। इस महामारी में हज़ारों लोगों की नौकरियाँ छूट गयीं,कारोबार ठप्प हो गये। आर्थिक स्थिति कमज़ोर होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों की फीस भरने की स्थिति में नही हैं। विद्यालय इस दौरान पूरी तरह बन्द रहे। सिर्फ ऑनलाइन क्लास चलती रहीं। लेकिन फिर भी स्कूलों ने अपनी भारी भरकम फीस में कोई कमी नही की। फीस कम करने और लॉकडाउन की तीन महीने की अवधि की फीस माफ़ करने के लिए देशभर में आंदोलन किये गये। फिर भी स्कूलों की मनमानी ख़त्म नही हुई। स्कूलों की इस मनमानी को गम्भीरता से लेते हुये दिल्ली सरकार ने सख़्त कदम उठाया है। रोहिणी स्थित बाल भारती स्कूल के प्रबंधन को दिल्ली सरकार अपने हाथ में अपने हाथ में लेगी। आरोप है कि सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुये स्कूल ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाई थी। दिल्ली सरकार ने बाल भारती स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने के लिए शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद फाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दी थी, जिसे मंजूरी मिल गई है।
शिक्षा निदेशालय ने वित्तीय वर्ष केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि दिल्ली सरकार प्राइवेट स्कूलों को मनमानी नही करने देगी। शिक्षा निदेशालय ने वित्तीय वर्ष 2016-2017 से 2017-2018 के लिए बाल भारती स्कूल के वित्तीय विवरण का निरीक्षण किया था।
अभिलेखों के विस्तृत निरीक्षण के दौरान शिक्षा निदेशालय ने पाया कि वर्ष 2017-2018 के लिए स्कूल के पास कुल धनराशि 23 करोड़ 81 लाख 82 हजार 958 थी। इस धनराशि में से 20 करोड़ 94 लाख 38 हजार 802 रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया, जिसके बाद भी स्कूल प्रबंधन के पास करीब दो करोड़ 87 लाख 44 हजार 156 रुपये राशि अधिशेष थी। इसके बाद निदेशालय ने इस संबंध में निदेशालय ने 2017-2018 के लिए स्कूल द्वारा प्रस्तावित शुल्क वृद्धि को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। इसके अलावा स्कूल ने जो 2017-18 में फीस बढ़ाई थी, उसे आगे एडजस्ट करना था। इसी बीच सरकार को अभिभावकों से फिर शिकायत मिली कि स्कूल ने फीस बढ़ा दी है। इसके बाद निदेशालय ने स्कूल को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न स्कूल की मान्यता रद कर दी जाए या फिर सरकार क्यों न स्कूल का प्रबंधन अपने हाथ में ले ले।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि वे पूरी दिल्ली के अभिभावकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि वे शिक्षा जगत में माफियाराज नहीं चलने देंगे। कोई भी संस्थान मानक से ज्यादा फीस वसूली नहीं कर पाएगा। अगर किसी संस्थान ने ज्यादा फीस लेने की कोशिश की तो उसके साथ सख्ती से व्यवहार किया जाएगा।

जीपीए अध्यक्ष सीमा त्यागी


लम्बे समय से अभिभावकों एवं छात्रों के हितों की लड़ाई लड़ रहीं ग़ाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये दिल्ली सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है।
हिन्द न्यूज़ संवादाता से बात करते हुये सीमा त्यागी ने केजरीवाल की तारीफ़ करते हुये कहा कि दिल्ली सरकार अच्छा काम कर रही है। जो स्कूल नही चल पा रहे हैं,अभिभावकों और छात्रों को परेशान कर रहे हैं,सरकार को उनका अधिग्रहण कर लेना चाहिए। यह सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नही रहना चाहिए,यह पूरे देश में होना चाहिए।
सीमा त्यागी ने कहा कि हम विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करते हैं कि जो स्कूल अभिभावकों एवं छात्रों के हितों के लिए कार्य नही कर पा रहे हैं, पड़ोसी राज्य दिल्ली को देखते हुये प्रदेश सरकार को भी उनका अधिग्रहण कर लेना चाहिए।

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