मॉब लिंचिंग: मवेशी चोरी के आरोप में युवक की पीट-पीट कर हत्या
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के गौरेला थाना क्षेत्र में मवेशी लेकर जा रहे युवकों से मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। ग्रामीणों की पिटाई से एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं पाँच अन्य लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्तपाल में भर्ती कराया गया है, घायलों में एक की हालत गम्भीर बनी हुई है। सभी पीड़ित मध्यप्रदेश के अमरकंटक थाना क्षेत्र के मेढ़हाखार गांव के रहने वाले हैं। शिकायत के बाद पुलिस ने कुछ संदिग्ध ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार 26 मई को गौरेला थाना क्षेत्र से मवेशी लेकर मध्यप्रदेश जा रहे लवकेश और विकास को साल्हेघोरी गाँव के पास ग्रामीणों ने पकड़ा था। इन युवकों को सामुदायिक भवन में बन्द करके दो दिन तक पीटा गया। मारपीट की वीडियो भी वायरल हुई है। ग्रामीणों ने युवकों पर आरोप लगाया कि वे उनके गांव के आस-पास के मवेशी चोरी करके ले जाते हैं। लिंचिंग की वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि युवक पर ग्रामीण पशु तस्करी करने की बात कबूल करने का दबाव बना रहे हैं। उसका सिर भी फोड़ दिया। जबकि युवक बार-बार कह रहा है कि उसने चोरी और तस्करी नहीं की। वह गरीब आदमी है। उसे मवेशियों को पहुंचाने के लिए अशोक पनिका ने कहा था। वही खरीद कर भी लाया। वह तो गरीब आदमी है, 400 रुपए मिले तो पहुंचाने के लिए तैयार हो गया। वह मवेशियों के मालिक को बुला रहा है। लेकिन ग्रामीण फिर भी नही माने। युवक कहते रहे कि उन्होंने चोरी नहीं की, लेकिन भीड़ पीटती रही। पीड़ितों ने बताया कि सुबह 4 बजे ही ग्रामीण सामुदायिक भवन आ धमके और उनकी दुबारा पिटाई शुरू कर दी।
अगले दिन 27 मई को पीड़ितों ने घटना की जानकारी मोबाइल से अपने गांव मध्यप्रदेश में दी। युवकों के बंधक बनाकर पिटाई किए जाने की जानकारी मिलने के बाद गांव से सूरत बंजारा सहित तीन अन्य लोग साल्हेघोरी गांव पहुंचे, जहां पर इन चारों के पहुंचने के बाद कहासुनी होने पर ग्रामीणों ने चारों की पिटाई शुरू कर दी। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सूरत बंजारा के हाथ रस्सियों से पीछे करके बांधे गए हैं। उसे इतना पीटा गया है कि वह अधमरी हालत में है और बेहोश सा होकर जमीन पर गिर रहा है। जब वह बेहोश होने लगा तो उसे पेशाब पिलाने का भी प्रयास किया गया।
ग्रामीणों ने सूरत बंजारा को इतना पीटा कि वह मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। किसी तरह ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। बाद में पुलिस मृतक सहित सभी को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाकर थाने ले आई। पीड़ितों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। घायलों में एक की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं सभी पीड़ितों के पीठ हाथ पैर में डंडे लाठी की चोट के निशान हैं, जबकि उनमें से कुछ लोगों को गंभीर अंदरूनी चोटें भी आई है।
पुलिस ने इस मामले में डाडीबहरा निवासी जनपद सदस्य पति सुखराम भैना, साल्हेघोरी सरपंच पुरुषोत्तम बैगा, पूर्व सरपंच कृष्णा कुमार बैगा, सौरभ कुमार, धरम सिंह बैगा, रामकरण यादव, लालजी, गोविंद बैगा का बेटा, चुंगी बैगा और 16 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनके खिलाफ मारपीट, बंधक बनाने और हत्या के आरोप हैं। इनमें 16 फरार हैं। पुलिस ने 7 और लोगों को हिरासत में लिया है। उनकी शिनाख्त परेड कराई जा रही है।
छत्तीसगढ़ में ही इससे पहले जून 2018 में सरगुजा के ज़िला मुख्यालय से लगे मेंड्राकला गांव में बच्चा चोर के शक में ग्रामीणों ने एक विक्षिप्त व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला था।
उसी इलाके में लखनपुर के अंधला और दरिमा के बेलखरिखा में भी बच्चा चोरी के शक में दो लोगों को भीड़ ने पीट-पीट कर अधमरा कर दिया था।