ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनावो में भाजपा सपा की नूराकुश्ती चल रही है: मनोज यादव
- इटावा के अंशुल यादव का निर्विरोध चुनाव जीतना सपा भाजपा के गठजोड़ की गवाही देता है
- भाजपा से लड़ने में सपा पूरी तरह फेल
- पिछड़ों का नही सैफई कुनबे का प्रतिनिधित्व करती है सपा
- भाजपा की सरकार सबसे ज्यादा प्रताड़ित हुआ है पिछड़ा वर्ग समाज
लखनऊ
उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग विभाग कांग्रेस के चेयरमैन मनोज यादव ने आज जारी एक बयान में कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को सपा और भाजपा की नुराकुश्ती के चलते लोकतंत्र को लुटतंत्र में परिवर्तित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी ने समझौता कर मुलायम सिंह के भतीजे अंशुल यादव को इटावा से निर्विरोध अध्यक्ष बनवाया और उसकी एवज में भाजपा ने एक दर्जन जिलों में किसी अन्य पार्टी के सदस्य का पर्चा नहीं भरने दिया।
मनोज यादव ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मे भाजपा के सत्ता संरक्षण में धनबल और बाहुबल का नंगा नाच किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि सपा बसपा भाजपा की सरकारों ने उत्तर प्रदेश में ऐसे ही लोकतंत्र को खत्म करके अपने-अपने दलों के गुंडे और बाहुबलियों और धन पशुओं के लिए यह पद संरक्षित कर दिया है ।
मनोज यादव ने जारी बयान में कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के माध्यम से कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महात्मा गांधी के सपने ग्राम स्वराज्य को पूरा करने के लिए, और सत्ता का विकेंद्रीकरण कर सभी वर्गों व तबकों का समावेशी करण किया था. लेकिन क्षेत्रीय दलों और भारतीय जनता पार्टी ने इसे लुटेरों का अड्डा बना दिया है।
मनोज यादव ने आगे कहा कि मौजूदा दौर में पिछड़े वर्ग के हक़ और अधिकार पर डाका डालने वाली भाजपा आज चुनाव से ठीक पहले संगठन में चंद पिछड़ों को जगह देकर एक बार फिर पिछड़ों को गुमराह करना चाहती है। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आज तक जो भी लाभकारी योजनाएं आयी है उसकी शिल्पकार कांग्रेस रही है। भाजपा ने कुचक्र रच कर पिछड़ा वर्ग के हको पर हमेशा डाका डाला है। भाजपा का मूल राजनैतिक स्वर चरित्र ही पिछड़ा वर्ग विरोधी है।