नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद का रविवार को निधन हो गया, उन्होंने दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली, फेफड़े में संक्रमण की वजह उन्हें भर्ती कराया गया था, अचानक तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, उनके निधन पर पीएम मोदी, लालू यादव, नीतीश कुमार सहित कई नेताओं ने शोक जताया है.
तीन दिन पहले ही उन्होंने एम्स से लालू यादव को पत्र लिखकर RJD से इस्तीफा दे दिया था, रघुवंश को भेजी गई चिट्ठी में लालू ने लिखा था, ‘प्रिय रघुवंश बाबू, आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है, मुझे वो विश्वास ही नहीं होता, अभी मेरे और मेरे परिवार के साथ ही राजद परिवार भी आपको स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है,’ ‘चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक में मिल बैठकर विचार किया है, आप जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठ के बात करेंगे, आप कहीं नहीं जा रहे हैं, समझ लीजिए, आपका, लालू प्रसाद.’
रघुवंश साल 1977 से लगातार सियासत में रहे, वे लालू के करीबी व उनके संकटमोचक माने जाते रहे, पार्टी में उन्हें दूसरा लालू भी माना जाता था, वे लगातार चार बार वैशाली से सांसद रहे, यूपीए की सरकार में मंत्री भी रहे, विपक्ष में रहते हुए वे वाजपेयी की सरकार को घेरने में सबसे आगे रहे, रघुवंश ने निधन पर लालू ने गहरा दुख जताया है, लालू ने ट्वीट कर लिया ‘प्रिय रघुवंश बाबू ! ये आपने क्या किया ? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है. लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं. दुःखी हूं. बहुत याद आएंगे.
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई