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ए॰एम॰यू॰ के शैक्षणिक स्तर की गिरावट के ज़िम्मेदार सिर्फ़ कुलपति तारिक मंसूर

इंडिया टुडे ने कीया 2021 के सर्वे में ख़ुलासा , कुलपति तारिक मंसूर इस्तीफ़ा दे : पूर्व मीडिया सलाहकार एएमयू

अलीगढ़ : इंडिया टुडे पत्रिका ने अपने सितम्बर २०२१ के अंक में उत्तर भारत के बहुत सारे नए कॉलेज और यूनिवर्सिटी को भी ख़ुश कर दिया।
वैसे समाचार पत्र या पत्रिका का काम शैक्षणिक संस्थाओं को प्रमाण पत्र देना और प्रशस्ति पत्र बाटने काम नहीं होता; पर नव भारत की गाथा कुछ और ही स्वीकार है।

उत्तर भारत के अच्छे कॉलेज के सर्वे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कॉलेजो में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम अब जोड़ा जाने लगा है; हालाँकि विश्वविख्यात यूनिवर्सिटी अब भारत सरकार के NIRF के रैंकिंग की गिरावट के वजह से एवं प्रशासनिक अमला के कुप्रशासन की वजह भी मानी जा सकती है। जबकि NIRF की रैंकिंग मौजूदा कुलपति तारिक मंसूर के आने से पहले 10वाँ स्थान पे था लेकिन अब गिरकर 31वाँ हो चुका है।

इंडिया टुडे की सर्वे ने एएमयू के ज़ाकिर हुसैन इंजिनीरिंग कॉलेज को सबसे ख़राब यानी 16वाँ रैंक से देकर नवाज़ा है जबकि एएमयू के ही जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को गिराकर 10वाँ स्थान पे जगह मिली है। ख़ुशी की बात भी है, एग्रीकल्चर विभाग में एएमयू को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है जबकि जामिया मिल्लीय इस्लामिया नई दिल्ली को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

विधि विभाग के छात्र छात्राओ ने हमेशा की तरह बाज़ी मारी है इस बार विधि विभाग ने चौथा रैंक हासिल किया है।
हैरत की बात तब हुई, एएमयू जैसी विश्वविख्यात यूनिवर्सिटी का ग्राफ़ गिरकर काफ़ी नीचे आ गया, एएमयू के मैनज्मेंट विभाग, कम्प्यूटर साइयन्स विभाग, कामर्स विभाग और साइयन्स विभाग का स्नातक ग्रूप के नामों का दूर दूर तक कोई अता पता नहीं है।

इंडिया टुडे की सर्वे को देखकर एएमयू बिरादरी में काफ़ी मायूसी है और रोष भी; इस मौक़े पर एएमयू के पूर्वमीडिया सलाहकार डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा कि इंडिया टुडे का एक पत्रिका है और उनका रैंक देने का आँकड़ा कुछ और है। पत्रिका ने सात हिस्सों में सर्वे को विभाजित किया है। उन्होंने कहाँ की एएमयू की शैक्षणिक गिरावट मौजूदा कुलपति तारिक मंसूर के आने के साथ शुरू हो गयी थी। एन॰आई॰आर॰एफ़॰ की रैंकिंग की लगातार गिरावट हो रही है जो अलीग़ बिरादरी के लिए अफ़सोस का मक़ाम है। डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहाँ की इंडिया टुडे की पिछले आँकड़े को जिस प्रकार प्रचार एएमयू कुलपति तारिक मंसूर ने किया था हमें आशा है की इस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कॉलेज में एएमयू को शुमार करवाने वाले एवं यूनिवर्सिटी की भारी शैक्षणिक गिरावट की ज़िम्मेदारी कुलपति तारिक मंसूर को ले लेनी चाहिए।

डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहाँ की कुलपति तारिक मंसूर को तत्काल इस्तीफ़ा दे देनी चाहिए ताकि आने वाले कुलपति के लिए सीख मिले।

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