सांसद रमेश बिधूड़ी के बयान से लोगों में गुस्सा

मेरठ। भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी के नफरत वाले बयान पर मुल्क भर में गम व गुस्से का माहौल है। खास तौर से जम्हूरियत पसंदो को इस हरकत की शदीद निंदा करने पड़ रही है। इसी सिलसिले में ऑल इंडिया मिली काउंसिल उत्तर प्रदेश के  अध्यक्ष मौलाना आस मोहम्मद गुलजार क़ासमी ने अपने एक प्रेस बयान में रमेश बिधूड़ी की इस हरकत को निंदनीय व अक्ष्म्य हरकत बताया और कहा कि इस तरह की बाजारू और सड़क छाप भाषा की संसद में इजाजत नहीं दी जा सकती। इस टपोरी बयान को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह हमारी संसदीय परंपरा और तहजीब पर हमला है। जिसके विरुद्ध स्पीकर को तत्काल प्रभाव  से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मौलाना कासमी ने कहा कि इस बयान को पार्लियामेंट के रिकॉर्ड से हटा देना काफी नहीं है,ऐसे लोगों की सदस्यता खत्म होनी जरूरी है, वरना वह फिर से जहर उगलेंगे और पार्लियामेंट का माहौल खराब करेंगे मुल्क का माहौल खराब करेंगे। मिली काउंसिल के स्टेट प्रेसिडेंट ने कहा कि यह चुने हुए एमपी दानिश अली या किसी और के विरुद्ध अपमान का मामला नहीं, बल्कि हिंदुस्तानी जम्हूरियत की तौहीन है। जिस से दुनिया भर में हिंदुस्तान की बदनामी होती है। यह एक  समुदाय विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि पूरी हिंदुस्तानी क़ौम के खिलाफ पूरी हिंदुस्तानी बिरादरी के विरुद्ध अपमानजनक भाषा है। मौलाना कासमी ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन और पूर्व कानून मंत्री डॉ रवि शंकर प्रसाद के मुस्कुराने पर भी सवाल उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी पर भी सवाल खड़ा किया। साथ ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की रमेश बिधूड़ी की बदजबानी पर कार्रवाई न करने पर भी हैरत जाहिर की और तुरंत प्रभाव से सख्त कार्रवाई की मांग की।

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