नई दिल्ली : दादी बिलकिस हापुड़ के गाँव कुराना की रहने वाली हैं। टाइम मैगज़ीन में दादी का नाम आने से गाँव का नाम रोशन हुआ है। जिससे गाउं में जश्न का माहौल और ग्रामीणों में ख़ुशी की लहर है। कुराना गांव के ग्राम प्रधान ने बिलकिस को बधाई देते हुए कहा कि यह हमारे गांव सहित पूरे जिले के लिए गर्व की बात है।प्रधान ने बताया कि बिलकिस दादी दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहती हैं। जबकि उनके खेत और आम के बाग है। घर पर अक्सर आती रहती हैं। ग्राम प्रधान ने बताया कि करीब 30 साल पहले वह बेटों के साथ दिल्ली आ गई थीं। जिस दिन हमें टाइम मैगज़ीन में दादी का नाम आने का पता चला उस दिन वह गाँव में ही थीं। लेकिन हमें पता चलने तक वह दिल्ली लौट गयीं थीं।
वह मरते दम तक सीएए कानून का विरोध करती रहेगी
संसद की ओर से पिछले साल नागरिकता कानून को हरी झंडी मिलने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हुए। दिल्ली के शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन ने वैश्विक स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इस प्रदर्शन में अधिकतर महिलाएं शामिल थीं।
शाहीन बाग़ का धरना एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है। धरने में शामिल होकर टॉप-100 प्रभावशाली लोगों में शामिल हुईं 82 वर्षीय प्रभावशाली दादी बिलकिस के कारण शाहीन बाग़ का नाम फिर से विश्व स्तर पर रोशन हो रहा है।
82 की उम्र में भी दिखाई थी बहादुरी
शाहीनबाग प्रदर्शन में दादी के नाम से मशहूर हुईं बिलकिस ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नारा दिया था कि जब तक रगों में खून बह रहा है, तब तक यहीं बैठी रहूंगी। उनके साथ दो दादी और भी थीं, जो हर वक्त प्रदर्शन में साथ ही रहती थीं।
“गोलीयाँ चलाईं लेकिन हम पीछे नही हटे”
शाहीन बाग की दादी ने कहा, “पारा गिरने या तापमान बढ़ने या बारिश के बावजद भी हमने अपना प्रदर्शन जारी रखा। हम उस वक्त भी डटे रहे जब जामिया में हमारे बच्चों की पिटाई की गई, हमारे सामने गोलियां चलाई गईं, लेकिन हम पीछे नहीं हटे।”
TIME वाली दबंग दादी हापुड़ की रहने वाली हैं, गाउं में जश्न का माहौल
टाइम मैगजीन में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल होने के बाद शाहीन बाग की दादी बिलकिस ने कहा कि, जिस कानून के विरोध में वह धरने पर बैठी थीं, आज उसी धरने को देखकर दुनिया ने शाहीन बाग का सजदा किया है। वह मोदी सरकार से अब भी कानून को वापस लेने की अपील करती हैं।
उनका कहना है कि हम शांतिप्रिय लोग हैं, इसलिए कोरोना संकट आने के बाद ही खुद प्रदर्शन को समाप्त करने का फैसला लिया। इस सम्मान को पाने के बाद बिलकिस दादी ने टाइम मैगजीन का शुक्रिया अदा किया है। उनका कहना है कि वह मरते दम तक सीएए कानून का विरोध करती रहेंगी।
नरेंद्र मोदी मेरे बेटे की तरह
सीएए एनआरसी को लेकर हुये प्रदर्शन में दिखाये अपने बड़े हौंसलों की तरह दादी ने प्रधानमन्त्री को लेकर दिल भी बड़ा दिखाया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या अगर उन्हें आमंत्रित किया जाए तो वह प्रधानमंत्री से मिलने जाएंगी, इस पर उन्होंने कहा
“क्यों नहीं। मैं जाऊंगी। इसमें डरने की क्या बात है?” उन्होंने कहा कि “मोदी जी मेरे बेटे की तरह हैं और मैं उनकी मां की तरह हूँ। भले ही मैंने उन्हें जन्म नहीं दिया, मेरी बहन ने तो दिया है। वह मेरे बच्चे की तरह हैं। मैं टाइम की सूची में पीएम मोदी के शामिल होने पर उन्हें बधाई देती हूँ।
दादी के अलावा यह भी सूची में हैं शामिल
इसके अलावा 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से जगह दी गई है। इस लिस्ट में अभिनेता आयुष्मान खुराना और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई शामिल हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट, हिंद न्यूज
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