चंबल क्रिकेट लीग: माधोगढ़ ने जीता खिताबी मुकाबला, फाइनल में हारी हुकुमपुरा की टीम

जालौन: चंबल क्रिकेट लीग का खिताबी मुकाबला माधोगढ़ ने जीत लिया। हुकुमपुरा को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। जालौन, भिंड और इटावा जिले की 16 टीमों में से माधोगढ़ और हुकुमपुरा ने फाइनल में जगह बनाई थी। माधोगढ़ की टीम ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। बैटिंग करते हुए हुकुमपुरा की टीम ने निर्धारित 15 ओवर में से 14. 5 ओवर खेल 103 रन बनाए और माधोगढ़ को 104 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी माधोगढ़ की टीम के बल्लेबाजों ने ताबड़तोड़ प्रदर्शन करते हुए तीन विकेट खोकर 8 ओवर में ही मैच जीत दिया। माधोगढ़ की ओर से रामजी ने सर्वाधिक 43 रन बनाए और माधोगढ़ के गेंदबाज काजू ने भी तीन विकेट लेकर टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई। 43 रन बनाने वाले रामजी को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

फाइनल जीतने वाली माधोगढ़ को विजेता और पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली हुकुमपुरा टीम को उप विजेता ट्रॉफी दी गई। विजयी माधोगढ़ को 5100 रुपए नकद पुरस्कार दिया गया, जबकि उपविजेता रही हुकुमपुरा की टीम को 2100 रुपए प्रदान किए गए। इसके साथ ही सभी खिलाड़ियों को मैडल, प्रतीक चिन्ह और सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। न सिर्फ विजेता और उपविजेता बल्कि टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली अन्य 14 टीमों के खिलाड़ियों को बुलाया गया और सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। चंबल क्रिकेट लीग 23 मार्च से हुकुमपुरा मैदान पर चल रही थी। हुकुमपुरा दस्यु सलीम गुर्जर के गाँव के नाम से जाना जाता है। इस गाँव और बीहड़ की पहचान बदलने के लिए ही लीग का बड़ा आयोजन कराया गया। ये लीग आजादी के महानायकों और क्रांतिवीरों को भी समर्पित थी।

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चंबल क्रिकेट लीग के समापन और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ. अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि चंबल की दुरूह जगह और कुख्यात दस्यु सरगना रहे सलीम गुर्जर उर्फ पहलवान के गांव हुकुमपुरा में आजादी आंदोलन के महानायको की याद में चंबल क्रिकेट लीग का आयोजन एक सफल अभिनव प्रयोग है। यह आयोजन बीहड़ की नई पहचान बना रहा है। यहाँ के युवाओं को नई दिशा और ऊर्जा मिल रही है
महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय के खेल अधिकारी डॉ. निरंजन सिंह ने कहा कि खेल प्रतिभाएं हमेशा गांव से निकलती हैं। यहाँ खिलाडियों और आयोजकों के जोश को मैं सैल्यूट करता हूँ।

अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी शूटर राहुल तोमर ने कहा कि चंबल क्रिकेट लीग से चंबल घाटी को सकरात्मक पहचान मिल रही है। ऐसे आयोजन से नई प्रतिभाओं को निखरने का अवसर मिलता है। महान क्रांतिकारी दम्मीलाल पांडेय के पौत्र अजय पांडेय ने कहा कि दो दशक से अधिक समय से देश भर में शहीदों और क्रांतिवीरों का इतनी शिद्दत से पवित्र स्मरण करना शाह आलम राना के ही बूते की बात है। समापन समारोह को डॉ. भूपेंद्र सोलंकी, सुनीता लाकड़ा, डॉ. लाला शंकर गयावाल अतिथियों ने भी संबोधित किया।

चंबल फाउंडेशन के तत्वावधान में इस लीग को कराने वाले शाह आलम राना ने कहा कि इस लीग का मकसद युवाओं को प्रेरित करना और क्रांतिकारियों से अवगत कराना भी था। खिलाड़ियों को मौके पर क्रांतिकारियों की किताबें भी पढ़ने को मिलीं और उनके बारे में जानने की उत्सुकता भी देखने को मिली। यहां के लोग नींव से जुड़े रहने वाले लोग हैं। भविष्य में और भी शानदार तरीके से लीग का आयोजन कराया जायेगा।

समापन समारोह में स्थानीय लोग गायक सिद्दीक अली और श्याम पंडित की टोली ने समा बांध दिया। समापन समारोह का संचालन डॉ. कमल कुमार कुशवाहा ने किया। वीरेंद्र सिंह सेंगर, राम सुंदर यादव, कुलदीप बौद्ध,  बाबा परिहार, देवेंद्र सिंह आदि भी मौजूद रहे। अंपायर की भूमिका जगपाल सिंह और यशवेंद्र रत्न निभाई। ग्राउंड पर शानदार एनकरिंग घनश्याम राजपूत ने अदा की।

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