दस वर्षीय छात्रा वैष्णवी अरोड़ा ने अंतर्राज्यीय हॉर्स राइडिंग शो में लगाई पदकों की झड़ी
- जीते गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदक
ग़ाज़ियाबाद। गुरुकुल द स्कूल में रविवार को हॉर्स राइडिंग शो का आयोजन किया गया। इसमें गुरुकुल द स्कूल के अलावा एनसीआर ,पंजाब और अन्य कई जिले के स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया और घुड़सवारी के करतब दिखाए।
हॉर्स राइडिंग में वैष्णवी अरोड़ा ने महज दस वर्ष की उम्र में अपने हुनर और सीखने की लगन से हॉर्स राइडिंग मे एक नही बल्कि पांच मेडल अपने नाम किये हैं। जिसमें एक गोल्ड,दो सिल्वर,दो कांस्य पदक जीते हैं।
गुरुकुल द स्कूल में पढ़ने वाली वैष्णवी अरोड़ा ने बताया कि जो मैंने पदक जीते है उसका श्रेय में अपने गुरु,माता पिता और अपने सहयोगियों को देनी चाहूंगी।
स्कूल का नाम रौशन करने वाली वैष्णवी अरोड़ा की माता डॉली भास्कर अरोड़ा और पिता प्रवीन अरोड़ा ने अपनी बेटी को पांच पदक मिलने पर बहुत खुशी जताई। उन्होंने बताया कि कोरोना के समय में प्रैक्टिस करने का मौका भी कम मिला।
लेकिन मेरी बेटी को जितना समय मिला उस समय में उसने मेहनत की। जिसके परिणामस्वरूप आज मेरी बेटी वैष्णवी को हॉर्स राइडिंग मे एक गोल्ड मेडल, दो सिल्वर ,दो कांस्य मेडल मिला है।
वैष्णवी अरोड़ा की माता ने इसके लिए गुरुकुल द स्कूल के हॉर्स राइडिंग सीखने वाले कोच साहिल और उनकी टीम का भी शुक्रिया अदा किया।
गुरुकुल द स्कूल के निदेशक सचिन वत्स ने बताया कि भारत में घुड़सवारी को लोकप्रियता मिले, इसके लिए बच्चों में भी घुड़सवारी के प्रति रुचि पैदा करनी होगी। ऐसा तब होगा, जब स्कूलों में अन्य खेलों के साथ इसे भी शामिल कर बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
गुरुकुल द स्कूल शहर का पहला ऐसा स्कूल है, जहां बच्चों को घुड़सवारी की ट्रेनिंग भी दी गई है। जिसके बाद रविवार को हॉर्स राइडिंग शो का आयोजन किया गया था। जिसमे एनसीआर समेत अन्य अन्य राज्यों से स्कूली बच्चों ने हॉर्स राइडिंग शो में भाग लिया।