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आज़म खान की जौहर यूनिवर्सिटी का गेट गिराने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगायी रोक


आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी का गेट गिराए जाने के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक

  • रामपुर के डिस्ट्रिक्ट जज के आदेश पर हाईकोर्ट से लगी रोक
  • जस्टिस अजीत कुमार की बेंच में हुई सुनवाई
  • अदालत ने यूपी सरकार से 4 हफ्ते में मांगा जवाब

इलाहाबाद
पिछले कुछ समय से मुश्किलों का सामना कर रहे समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को लगातार दूसरी राहत भरी ख़बर मिली है। बीते दिनों उन्हें पैन कार्ड मामले में ज़मानत मिलने के बाद अब जौहर यूनिवर्सिटी का गेट टूटने के मामले में भी फिलहाल उन्हें राहत मिली है। जौहर यूनिवर्सिटी का गेट गिराए जाने के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। रामपुर के डिस्ट्रिक्ट जज के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए यूपी सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। जवाब दाखिल होने तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
आपको बता दें कि यूनिवर्सिटी के गेट को लेकर बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत दर्ज करवाई थी। उनका आरोप था कि यूनिवर्सिटी के अंदर जो सड़क मौजूद है, वो लोक निर्माण विभाग की है, जिसे गेट लगाकर बंद कर दिया गया है। जिसके बाद एसडीएम सदर की कोर्ट में वाद दर्ज किया गया था। एसडीएम सदर पीवी तिवारी ने गेट को तोड़ने का आदेश दिया था। वहीं, एसडीएम सदर की कोर्ट के आदेश के खिलाफ सपा सांसद आजम खान ने जिला रामपुर की कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी।
दो सालों तक मुकदमा चलने के बाद 2 अगस्त को जिला सत्र न्यायाधीश कोर्ट ने आजम खान की जौहर विश्वविद्यालय गेट संबंधित अपीलों को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने तत्कालीन एसडीएम पीपी तिवारी के गेट के गिराने संबंधित आदेश को मान्य रखा था। साथ ही 1 करोड़ 68 लाख जमा करने के साथ करीब 4 लाख 55 हज़ार रुपए हर महीना का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया और कार्यवाही के तहत आज़म खाँ के आवास और जौहर यूनिवर्सिटी के गेट पर नोटिस भी चस्पा कराया। इस सम्बंध में आज़म खान और यूनिवर्सिटी पक्ष ने हाईकोर्ट में अपील की। जिस पर सोमवार 16 अगस्त को प्रयागराज हाईकोर्ट के कोर्ट नम्बर 07 के न्यायाधीश अजीत कुमार ने फैसला सुनाया। इसमें सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल तथा आज़म खान पक्ष की ओर से कमरुल हसन कासमी और सफदर कासमी ने पैरवी की।आज़म खान और जौहर यूनिवर्सिटी पक्ष के हाईकोर्ट अधिवक्ता कमरुल हसन ने बताया कि दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश अजीत कुमार ने 30% राशि जमा करने के साथ दो सप्ताह काउंटर के लिए समय देने के साथ अक्टूबर के प्रथम सप्ताह की तारीख दी है। साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग रामपुर को अब्दुल कलाम गेस्ट हाउस तक के रास्ते को विभागीय रास्ते के अलावा आम रास्ता नहीं करने के आदेश दिए और हाईकोर्ट का अंतिम फैसला आने तक स्टे का आदेश दिया है।

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