बाराबंकी (यूपी) : गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा आयोजित 78वें अगस्त क्रांति सप्ताह के दूसरे दिन डा. लोहिया द्वारा सप्त क्रांतियों ने जो बाद में जय प्रकाश जी ने अपने सम्पूर्ण क्रांति आदोलन में कहा जो लोहिया की सप्त क्रांतियां है वही सम्पूर्ण क्रांति है, उस पर राजनाथ शर्मा ने गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के कुछ लोगों को बताते हुए कहा कि चीजों के मूल्य का निर्धारण उनके लागत खर्च से डेवढ़ा एक फसल के कटने से दूसरे फसल के कटने तक यही दाम निश्चित होने चाहिये तथा दूसरा नारा उन्होने यह दिया कि न सौ से कम न हजार से ज्यादा यह सोशलिस्टों का पक्का इरादा जिस समय यह नारा दिया गया उस समय व्याप्क अन्तर था लेकिन आज की स्थिति में कम से कम 5000 और अधिक से अधिक 50000 से अधिक वेतन का क्रम नही होना चाहिये.
उन्होने यह भी नारा दिया कि ‘‘जब तक भूखां इंसान रहेगा धरती पर तूफान रहेगा‘‘, धन और धरती के बंटवारे पर उन्होने व्यापक बल दिया, सरकार ऐसे लोगों को दंण्डित करें जिससे हिन्दुस्तान के गरीब और गरीबी के न्यूनतम ढंग से जीवन यापन कर सके, उनके इस विचार को 9 अगस्त जन क्रंाति दिवस के रुप में मनाया जाये, इस मांग को लेकर गांधी जयन्ती समरोह ट्रस्ट वर्तमान प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल को 2 अगस्त 1967 को स्व. लोहिया द्वारा जी.जी.पारिख वर्तमान आयु 95 वर्ष तथा प्रसिद्ध समाजवादी नेता नाथ पाई को यह आग्रह किया था कि हो सके तो कुछ आगे भी बढ़िये जिससे कि जन क्रांति दिवस के आगे 15 अगस्त फीका पड़ जाये और 9 अगस्त जन क्रांति दिवस 26 जनवरी के समान स्तर पर पहुंचे, इस मौके पर मृत्युंजय शर्मा, विनय सिंह गुड्डू, पी.के. सिंह, सत्यवान वर्मा, नीरज दूबे, मनीष सिंह, रवि प्रताप सिंह, अनिल यादव, राहुल यादव तथा प्रसिद्ध समाजवादी नेता रिजवान रजा मौजूद रहे.
ब्यूरो रिपोर्ट, बाराबंकी
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