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यूपी कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अलीमुल्लाह खान

यूपी कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अलीमुल्लाह खान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान अजय राय को मिलने के बाद संगठन में बड़ा बदलाव किया गया है। रविवार को कांग्रेस ने प्रदेश प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की नई सूची जारी की। नई सूची में 15 प्रदेश प्रवक्ताओं और 17 मीडिया पैनलिस्ट बनाए गए हैं।
प्रदेश प्रवक्ताओं की सूची में पत्रकार और बहुचर्चित किताब बाइज्जत बरी के लेखक डॉ अलीमुल्लाह खान को भी अहम जिम्मेेदारी मिली है। डॉ खान सामाजिक आंदोलनों का चेहरा भी  हैं। ऐसे में यह साफ है कि कांग्रेस पार्टी बुद्धीजीवियों एवं जमीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों को संगठन में जगह देकर लोकसभा को साधने की तैयारी कर रही है।
डॉ अलीमुल्लाह खान छात्र जीवन से ही कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हैं। छात्र राजनीति के दौरान उन्होंने देश प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में से एक JNU छात्र चुनावों में NSUI से उपाध्यक्ष पद चुनाव लड़ा। इस के बाद  उन्होंने NSUI के विभिन्न पदों पर ज़िम्मेदारी निभाई। कई सालों तक संगठन को अपनी सेवाएं दी।

डॉ अलीमुल्लाह खान ने आला कयादत के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गाँधी, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राष्ट्रीय सचिव तौक़ीर आलम और सत्यनारायण पटेल का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इस वक़्त देश और रियासत उत्तर प्रदेश में जिस तरह के हालात हैं जिस तरह की नफरत की सियासत फल फूल रही है इन हालात में हमारी ज़िम्मेदारियां और बढ़ जाती हैं। कोशिश रहेगी कि हम एक मुस्बत किरदार अदा कर सकें और आला कयादत के एतिमाद पर पूरे उतर सकें… उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही देश की सांझी विरासत की हिफाज़त की है। हर समाज के हर तबके के लिए तरक़्क़ी का मॉडल दिया है आज वो विरासत बिखर रही है। ज़रुरत है उस विरासत को बचाने की । कांग्रेस नफरत की सियासत के खिलाफ मज़बूती से खड़ी है।

बता दें कि डॉ अलीमुल्लाह खान JNU NSUI में 3 साल महासचिव और 2 साल उपाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी के इलावा डूसू इलेक्शन में लगातार 5 साल तक अहम ज़िम्मेदारियों के साथ सक्रिय भूमिका अदा करते रहे और देश भर में चलने वाले छोटे बड़े छात्र आंदोलनों में मज़बूत किरदार अदा किया है। गुजरात नरसंहार के खिलाफ जो तहरीक देश भर में चली,उस में भी बहुत सरगर्म भूमिका रही। इसके इलावा NRC आंदोलन से लेकर तमाम दबे कुचले हाशिये के लोगों की मज़बूत आवाज़ बन चुके डॉ अलीमुल्लाह खान मशहूर किताब बाइज़्ज़त बरी के लेखक हैं।

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