नई दिल्ली। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों पर शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है। विपक्षी दलों की ओर से केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
अमरोहा से बसपा सांसद कुँवर दानिश अली ने इस मामले में ट्वीट करके इस फैसले को संकीर्ण सोच बताया है।
बसपा सांसद ने कहा कि एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों से मुगल इतिहास को हटाना एक संकीर्ण सोच है। इतिहास इतिहास होता है, इसमें हेरफेर नहीं किया जाना चाहिए, आप केवल इससे सीख सकते हैं। तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना निश्चित रूप से हमारे बच्चों- कल के वैश्विक नागरिकों के व्यापक दृष्टिकोण को नुकसान पहुँचाएगा।
बता दें कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं के लिए इतिहास की पुस्तकों का पाठ्यक्रम संशोधित किया गया है। इनमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं। एनसीईआरटी ने कक्षा 10वीं, 11वीं, 12वीं की इतिहास की पुस्तकों से राजाओं और उनके इतिहास से संबंधित अध्यायों और विषयों को हटा दिया है।
करोड़ों छात्रों को कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं के इतिहास की पुस्तकों में अब मुगल साम्राज्य, दिल्ली दरबार, अकबरनामा, बादशाहनामा और कई राजनीतिक दलों के उदय की कहानियां पढ़ने को नहीं मिलेंगी।
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