लखनऊ (यूपी) : पूरा देश आज बेरोज़गारी और इसके कारण पैदा हुई गरीबी से लड़ रहा है। सरकार द्वारा एक तो नौकरियों के लिए इम्तिहान नहीं लिए जा रहे। इम्तिहान लिए जाते हैं तो उनके परिणाम आने में सालों बीत जाते हैं। परिणाम आ जाते हैं तो बहाली नहीं होती। कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में अब बिना कोर्ट जाए कोई सरकारी नौकरी नहीं लगती। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में बेरोज़गारी का यही आलम है।

आज देश के प्रधानमंत्री मोदी जी का 70वाँ जन्मदिन है। आज का दिन देश के नौजवानों ने राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस के रूप में मनाते हुए यह सन्देश दिया है कि कितने भी जुमले हों, कितने भी झूठ हों कितना भी हमें क्यों न भटकाया जाए, आज हमारी ज़रूरत सिर्फ और सिर्फ रोज़गार पाने की है। हमें रोज़गार की आवश्यकता है। अन्यथा अब हमारे घर में रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी।

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उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी ललन कुमार ने बताया कि बेरोज़गारी इस देश में आज की सबसे बड़ी समस्या है। खाने की पूर्ति यदि कोई बात कर सकती है तो वह है रोज़गार की बात, कुछ और नहीं। उन्होंने बताया की लखनऊ के बख्शी का तालाब के पास उनके साथियों द्वारा स्थानीय बेरोजगारों से मिलकर पकोड़े तलकर राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस मनाया।  उन्होंने पकोड़े तलकर यह बात समझाने की कोशिश की है कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए पकोड़े तलने के विचार से हम डिग्रीधारी बेरोजगार रोटी नहीं कमा पाएंगे।

युवा अपने रोज़गार को लेकर इतने आक्रोशित हैं तो महिलाएँ भी पीछे कैसे रहतीं। ललन कुमार ने आगे बताया कि बख्शी का तालाब विधानसभा की इटौंजा क्षेत्र की जो महिलाएँ एवं पुरुष मनरेगा के तहत कार्य कर रहे थे उन्हें अब निकाल दिया गया है। इसके अलावा किये हुए काम का मेहनताना अभी तक नहीं मिला है। इस बात का विरोध प्रकट करते हुए इटौंजा की महिलाओं एवं पुरुषों ने लगभग 1.5-2 किलोमीटर का पैदल मार्च निकाला जिसमें 400-500 लोग शामिल हुए। बेरोज़गारी एक व्यापक समस्या है, जिससे हमें शीघ्रातिशीघ्र निपटना होगा।

ब्यूरो रिपोर्ट, लखनऊ

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