गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की धरती से हम पूरी दुनिया को अमन-शांति का पैग़ाम देते हैं: कुँवर दानिश अली
नई दिल्ली। लोकसभा में सांसद कुँवर दानिश अली ने सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक 2022 के समर्थन में बोलते हुए कहा कि सदन का यह इतिहास रहा है कि जब भी इस तरीके का कोई विधेयक लाया जाता है तो सर्वसम्मति से हम लोग ऐसे किसी भी बिल को पास करते हैं। मुझे इस बात की ख़ुशी है कि गौतम बुद्ध की धरती से, महात्मा गांधी की धरती से हम पूरी दुनिया को अमन-शांति का पैग़ाम देते हैं। यह हमारे देश का इतिहास रहा है कि हमने हमेशा ऐसी चीजों के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बात रखी है। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे जो आज के विदेश मंत्री हैं, वे कैरियर राजनयिक रहे हैं। उन्होंने भी लगातार इसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर रखा है। पूरी दुनिया जानती है कि इस तरीके के जो सामूहिक विनाश के हथियार होते हैं, दुनिया ने देखा है कि हिरोशिमा और नागासाकी में क्या हुआ? सामूहिक विनाश के हथियार के नाम पर इराक के अंदर इतने दिन क्या हुआ? वहां कुछ नहीं निकला। मैं प्रशंसा करना चाहूंगा, हमारे देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर नरेन्द्र मोदी तक, जितने भी देश के प्रधान मंत्री रहे हैं, उनके समय में हमने परमाणु शक्ति हासिल की। इंदिरा गांधी के ज़माने में परमाणु परीक्षण हुआ। वाजपेयी के ज़माने में भी परमाणु परीक्षण हुआ। शायद उससे पहले वह हो सकता था, जो मेरी जानकारी है, वह काफी पहले तैयार था, लेकिन उस वक्त के प्रधान मंत्रियों के उदारीकरण के बाद की प्राथमिकताएँ कुछ और थीं या हमारे पड़ोसी मुल्क के साथ शांति बहाल करने की बात थी, इसलिए शायद उसको देर से किया गया। वाजपेयी के समय पोखरन परीक्षण हुआ।
इसमें गोपनीयता की जरूरत है। मैं अपने देश के वैज्ञानिकों की प्रशंसा करना चाहूंगा कि उनका यह असली योगदान है। हम राजनेता लोग अपनी पीठ भले ही थपथपायें, लेकिन गोपनीयता का भी महत्व है। ऐसी गोपनीयता, पूरी दुनिया में किसी को पता नहीं था, देश के अंदर भी सिर्फ तीन लोगों को पहले मालूम था, प्रधानमंत्री वाजपेयी, उस वक्त के रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज साहब और प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार थे, डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहब, सिर्फ तीन लोगों को मालूम था।
वहीं हम देखते हैं कि हमारे पड़ोसी मुल्क के जो परमाणु वैज्ञानिक थे, उन्होंने इसे लीक किया, वहां की प्रौद्योगिकी ऐसे लोगों के हाथ में लग गई, जो दुनिया के लिए खतरा बन सकती है। लेकिन, हमारे यहां गोपनीयता रही। पाकिस्तान ने खुद माना कि ए.क्यू. खान ने गलती की है और सूचना लीक की हैं।
यहां परमाणु आपूर्ति समूह की बात आई और परमाणु वैवर की बात कही गई। आगे उन्होंने कहा कि जब मंत्री अपना जवाब देंगे तो उस समय इस पर रोशनी डालेंगे। ऐसे हर मामले में हम लोग सर्वसम्मत रहते हैं। वर्ष 2008 में जब हम परमाणु वैवर लेने जा रहे थे, उस समय मनमोहन सिंह की सरकार थी, लेकिन उस वक्त परमाणु वैवर के खिलाफ आज के सत्तापक्ष के लोग विरोध कर रहे थे। इस सदन के अंदर ऐसी चीज इस पटल पर रखी गई जो इस सदन के नाम पर काला धब्बा साबित हुई है। हम इस बिल के समर्थन में हैं और इस बिल को सर्वसम्मति से पास करना चाहते हैं। जब मंत्री अपना जवाब देंगे तो परमाणु प्लांट्स वगैरह में जो लीक होता है, जापान में सुनामी के समय और चर्नोबिल में प्लांट्स में लीक हुआ, हमें इसका भी ध्यान रखना चाहिए।