लखनऊ (यूपी) : यूपी के एक पुलिस अधिकारी ने अपने इंस्पेक्टर से ही अपनी जान का खतरा बता कर पुलिस की कार्य प्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, गाजियाबाद के पूर्व क्षेत्राधिकारी और वर्तमान में महोबा के डीएसपी राजकुमार पांडेय के वायरल ऑडियो में एक ओर उन्‍होंने गाजियाबाद के लोनी इंस्पेक्टर से अपनी जान का खतरा बताया है, तो दूसरी ओर पुलिस इस्पेक्टर को वर्दी में साक्षात रेपिस्ट बताते हुए अपनी जान बचाने के लिए सीएम योगी, डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह से गुहार लगाई है.

डीएसपी राजकुमार पांडेय अपने वायरल ऑडियो में अपना परिचय और उप्लब्धियों बताते हुए कहते है कि मैं पूर्व क्षेत्राधिकारी राजकुमार पांडेय सीओ, लोनी गाजियाबाद, मैंने यहां सीएए के आंदोलन से लेकर जब सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा गीत चला और 1 लाख से ज्यादा की भीड़ थी, मैंने 2 दिन तक लगकर पूरी भीड़ को नियंत्रित किया, भीड़ में घुसकर अपनी जान की भी परवाह नहीं की, फरवरी लास्ट में हुए दिल्ली दंगों में 15 दिन बॉर्डर पर कैंप किया, सब्जी मंडी में आग लगने पर छत से कूद कर उसे बुझाया, दिल्ली पुलिस कमिश्ननर श्रीवास्तव ने भी वेलडन सीओ SDM और CO कहा, हम लोगों ने उत्तर प्रदेश के प्रवेश द्वार लोनी के पास भड़के दंगे से 8-10 दिन तक लगातार प्रदेश की रक्षा की, इसके बावजूद मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया और मेरी एक बात नहीं सुनी गई.

डीएसपी राजकुमार पांडेय आगे बताते हैं कि मुझे अपने प्राणों की रक्षा का बहुत ज्यादा खतरा है, मुझे इंस्पेक्टर बिजेन्द्र भडाना से बचाया जाए, मेरे प्राणों की रक्षा की जाए, कल मैंने एसएसपी सर को 4 बार फोन लगाया, मेरी आधी बात भी न सुनी गई, मेरा फोन काट दिया गया, मुझे इग्नोर किया गया, मैं बहुत ज्यादा दुखी हूं, मैं डीजी यूपी शासन, प्रमुख सचिव गृह, सीएम यूपी से अपील कर रहा हूं कि मेरी पीड़ा को सुना जाए, मेरी मनोदशा को समझा जाए और मेरे ऊपर इंस्पेक्टर बिजेन्द्र भडाना के हो रहे उत्पीडन, जोकि वर्दी के भेष में साक्षात रेपिस्ट है, मेरी रक्षा की जाए, जय हिंद.

हालांकि राजकुमार पांडेय के वायरल ऑडियो के बाद एसएसपी गाजियाबाद ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं, इस मामले की जांच सीओ क्राइस आलोक दुबे को सौंपी गई है, जांच कर रहे सीओ आलोक दुबे के मुताबिक, सोशल मीडिया पर पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार पांडेय ने कुछ ऑडियो वायरल किये हैं, लेकिन इस संबंध में पांडेय द्वारा की गई कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, कार्यालय अभिलेखों को देखने से ये पता चला है कि जनपद गाजियाबाद में पांडेय के 3 वर्ष पूरे हो गये थे और उनका रूटीन ट्रांसफर जनपद महोबा के लिये हुआ था, वर्तमान समय में डीएसपी राजकुमार पांडेय महोबा में क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात है, जबकि इस मामले की जांच जारी है.

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ब्यूरो रिपोर्ट, लखनऊ

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