जमीयत उलमा ए हिन्द ने दंगा पीड़ितों को सौंपी मकानों की चाबी
- बिना भेदभाव के मज़लूमों की मदद करती है जमीयत: अरशद मदनी
मुजफ्फरनगर
एक तरफ़ देश में जहाँ मुसलमानों के साथ मारपीट करके भय का माहौल बनाया जा रहा है। उनके रोज़गार पर हमले किये जा रहे हैं। उनसे जबरन नारे लगवाये जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जमीअत उलमा ए हिन्द बिना किसी भेदभाव के मज़लूमों की मदद करके आपसी सौहार्द की मिसाल पेश कर रही है। हाल ही में जमीयत द्वारा महाराष्ट्र में दंगा पीड़ितों की बिना किसी भेदभाव के मदद की गयी थी। पीड़ितों की मदद के क्रम में जमीयत द्वारा बुधवार को जिला मुजफ्फरनगर ग्राम बागोवाली में सैयद मौलाना अरशद मदनी ने 2013 के दंगा पीड़ितों को जमीयत कॉलोनी में मकानों की चाबी देकर सम्मानित किया।
अरशद मदनी ने दंगा पीड़ित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी की जंग में 1831 से लेकर 1947 तक मुस्लिम उलमाओ ने बहुत बड़ी कुर्बानी दी। यह हिंदुस्तान हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई हम सबका है, सबका बराबर का हक है।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जिनको मकानों की चाबी मिली है, वह सब खुशी खुशी अपने घरों में आयें। अपने परिवार का पालन पोषण करें और अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी तालीम दें। जमीअत उलमा ए हिन्द हमेशा मजलूमों की मदद करती आई है। पीड़ितों की मदद करने में जमीयत कोई भेदभाव नहीं रखती। हम सब धर्म के लोगों की मदद इंसानियत के आधार पर करते हैं। इसमें हमारा कोई भी योगदान नहीं है, यह सब योगदान उन लोगों का है, जो हमें मदद करने के लिए पैसा देते हैं। हम उस पैसे को इस हाथ से लेते हैं और उस हाथ से खर्च कर देते हैं।
इसके बाद सबकी सलामती के लिए दुआ की गयी।