कानून के रखवाले को कानून का पालन कराना ही पड़ा भारी
शमशाद रज़ा अंसारी
ग़ाज़ियाबाद। जनपद के कप्तान पवन कुमार को शासन द्वारा गुरुवार को सस्पेंड कर दिया। हालाँकि उन्हें सस्पेंड करने की वजह अपराध पर नियंत्रण न कर पाना बताई जा रही है। लेकिन चर्चा है कि सत्ता पक्ष के नेताओं से तालमेल न बना पाने के कारण उन्हें सस्पेंड किया गया है। क्योंकि जिस लूट के आधार पर उन्हें सस्पेंड करने की बात कही जा रही है,पुलिस उस लूट के खुलासे के बेहद करीब पहुंच चुकी है। ऐसे में इस लूट को कारण बताकर सस्पेंड करना किसी के गले नहीं उतर रहा है।
एसएसपी के टकराव की बात करें तो लोनी में हुए एनकाउंटर के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी को हटाने को लेकर लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर से उनका टकराव हुआ। डासना के महंत पर गुंडा एक्ट लगाने को लेकर भी एसएसपी का प्रशासन एवम महंत से टकराव हुआ। हालाँकि एसएसपी ने कविनगर थाना प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी तथा लिंक रोड थाना प्रभारी अल्ताफ अंसारी को तैनाती के चन्द दिनों बाद ही हटाकर महंत को राजी करके मामले को शान्त किया।
एसएसपी का कानून का पालन करवाते हुए सत्ता पक्ष के नेताओं से टकराव इस बार भारी पड़ गया। दरअसल मतगणना वाले दिन दस मार्च को भाजपा नेताओं द्वारा बिना पास के बेरिकेटेड के अंदर जाने का प्रयास किया गया था। जिस पर एसपी ट्रैफिक रामानन्द कुशवाहा एवम एएसपी आकाश पटेल ने भाजपा नेताओं को रोकने का प्रयास किया। पुलिस ने भाजपाइयों को चार घण्टे गोविंदपुरम पुलिस चौकी में बैठाने के बाद छोड़ा। इस घटना के बाद भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, मेयर आशा शर्मा तथा राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने प्रेस नोट जारी करके उक्त अधिकारियों को भाजपा की जीत न पचा पाने वाला बताते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही थी। अपने अधीनस्थों के बचाव के लिए एसएसपी ने भी फ्रंट फुट पर आकर प्रेस नोट जारी कर दिया। एसएसपी ने घटना को बयान करते हुए लिखा कि इस मामले में क़ानून का पालन का किया गया, जो भी एसपी एवम् एएसपी ने किया मेरे आदेश पर किया, जो हुआ उसका ज़िम्मेदार मैं स्वयं हूँ। कप्तान के इस कदम के बाद उनके अधीनस्थों में नई ऊर्जा का संचार हुआ था।
सीधे तौर पर भाजपा नेताओं को चुनौती देने के बाद ही एसएसपी पवन कुमार पर कार्यवाही तय मानी जा रही थी। जिसकी हिन्द न्यूज़ ने पहले ही आशंका व्यक्त कर दी थी।
एसएसपी के निलम्बन के बाद पुलिस विभाग में चर्चा है कि शासन द्वारा एसएसपी को सस्पेंड करने से यह साबित हो गया है कि अधिकारियों को अगर काम करना है तो उन्हें सत्ता पक्ष की चाटुकारिता करते हुए उनका भोंपू बनकर रहना होगा। यदि उन्होंने कानून का पालन करने के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं से टकराने का प्रयास किया तो वह अगला पवन कुमार बनने को तैयार रहें।
करप्शन रोकने को दी थी प्राथमिकता
एसएसपी पवन कुमार ने अगस्त में जिले का चार्ज सम्भाला था। चार्ज सम्भालने के बाद उन्होंने करप्शन रोकने एवम जनसुनवाई पर विशेष जोर दिया। जनता के लिए उन्होंने अपने दरवाज़े हमेशा खुले रखे। पवन कुमार जनता से सीधे संवाद पर विश्वास करते थे। भ्र्ष्ट, लापरवाह एवम जनता के साथ गलत व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ आने वाली शिकायतों को उन्होंने गम्भीरता से लिया। ऐसी शिकायतों पर अमल करते हुए उन्होंने लगभग 40 पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की।
नवयुग मार्किट चौकी इंचार्ज पर मेहरबानी के कारण भी एसएसपी रहे चर्चित
भ्र्ष्टाचारियों एवम कार्य में लापरवाही बरतने वालों पर एसएसपी का चाबुक लगातार चलता रहा। लेकिन नगर कोतवाली की नवयुग मार्किट चौकी इंचार्ज रहे रणजीत सिंह पर एसएसपी का ख़ास करम रहा। यही कारण था कि रणजीत सिंह के कार्यकाल में हुई नवयुग मार्किट स्थित मोबाइल शॉप में लाखों के मोबाइल चोरी और चन्द्रपुरी में व्यापारी के यहाँ करीब एक करोड़ की चोरी के बाद भी रणजीत सिंह को चौकी इंचार्ज बनाए रखा। हालाँकि अधिक फजीहत होने के बाद रणजीत सिंह का तबादला राजनगर चौकी पर कर दिया गया। लेकिन कैला भट्टा में हुई लाखों की चोरी एवम नवयुग मार्किट में हुई चोरी खोलने में नाकाम थाना प्रभारी पर एसएसपी की कृपा अब तक बनी रही।
कप्तान के निलम्बन को जनता ने बताया ईमानदारी की सज़ा
एसएसपी के निलम्बन को जहाँ भाजपा नेता अपनी विजय बता कर निलम्बन का श्रेय लेने की होड़ में हैं तो वहीं दूसरी ओर जनता में एसएसपी के निलम्बन से ख़ासा रोष है। सोशल मीडिया पर जनता निलम्बन को ईमानदारी की सज़ा बता रही है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि ईमानदारी की सज़ा अगर निलम्बन है तो फिर कोई क्यों ईमानदार बनकर रहेगा। एक अन्य व्यक्ति ने लिखा कि इस बार बुलडोजर रॉन्ग साइड चल गया है।
पुलिसकर्मी भी व्हाट्सएप्प स्टेट्स एवम् सोशल मीडिया के द्वारा एसएसपी के साथ खड़े हैं। सोशल मीडिया पर एसएसपी की तस्वीर के साथ लिखे मैसेज वायरल हो रहे हैं। एक तस्वीर पर लिखा है कि तुम्हे यह व्यक्ति पसन्द नहीं था तो, ट्रांसफर कर देते लांछन लगाने की क्या ज़रूरत थी। सैल्यूट है बॉस आपको।
एक अन्य वायरल मैसेज में लिखा है आपकी कार्यशैली एवं राष्ट्र के प्रति अटल निष्ठा व जनसेवा भाव प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक रहेगा। किसी तथाकथित राजनैतिक पार्टी के कहने मात्र से आप भ्रष्टाचारी नहीं हो सकते। जनता का आशीर्वाद और करोड़ो ईमानदार अधिकारी/कर्मचारियों का स्नेह आपके साथ है। जय हिंद
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