लखीमपुर खीरी (यूपी) : उत्तर प्रदेश से नेपाल के लिए अचानक प्याज के निर्यात पर लगाये गए प्रतिबंध के बाद पलिया मंडी समिति के आढ़तियों का बुरा हाल है, नेपाल बॉर्डर से सटी पलिया मंडी समिति से रोजाना करीब दर्ज़नो गाड़ियां प्याज लेकर गौरीफंटा बॉर्डर होते हुए नेपाल जाती थी, जो प्रतिबंध के बाद लोड खड़ी हुईं हैं.

वहीं आढ़तियों का कहना है कि अगर सरकार को प्रतिबंध लगाना था तो उन्हें एक सप्ताह पहले ही आगाह कर देना चाहिए था जिससे हम व्यापारियों  का इतना बड़ा नुकसान ना होता, गोदामों में भरा आढ़तियों का प्याज सड़ने की कगार पर पहुंच रहा है, बता दें कि प्याज के बढ़ते दाम को देखते हुए भारत सरकार ने नेपाल में हो रहे  प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, आदेश के बाद प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.

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वहीं गौरीफंटा के कस्टम अधिकारियों ने बताया कि देश भर में प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के मद्देनजर उसके नेपाल सहित सभी देशों में निर्यात पर रोक लगा दी गई है, आदेश आने के बाद गौरीफंटा सीमा पर प्याज लदे ट्रकों की एंट्री प्रतिबंधित कर दी गई है, जो प्याज लदे ट्रक सीमा पर पहुंच गए थे, उन्हें कस्टम विभाग व एसएसबी द्वारा वापस लौटाया जा रहा है, भारत नेपाल सीमा पर प्याज पर लगे प्रतिबंध से मंडी आढ़तियों को भारी नुकसान पहुंचा है वहीं मंडी आढ़तियों का कहना है कि नेपाल में प्याज बैन होने से प्याज की स्थिति खराब हो गई है, पहले से सूचना ना होने के कारण भारी मात्रा में पलिया मंडी में प्याज इकट्ठा किया गया है, जिससे प्याज में सड़न शुरू हो गई है, इसी सड़न को छांटने के लिए सैकड़ों लेबर लगा दिए गए हैं.

वहीं बातचीत में प्रमुख मंडी आढ़ति और आलू प्याज के कारोबारी बुंदू मियां का कहना है कि नेपाल प्याज जा नहीं सकता और इतना प्याज हम करें क्या? यह सब प्याज सड़ जाएगा और हमारे साथ सभी सब्जी कारोबारियों का बेहद नुकसान होने वाला है, और इस नुक्सान की जिम्मेदार ये सरकार है सरकार को अगर प्याज बैन करना था तो एक सप्ताह पूर्व प्याज़ मंडी में कारोबार करने वाले व्यापारियों को सूचना दी जानी चाहिए थी, जिससे नुकसान से बचा जा सकता था.

वहीं पलिया मंडी समिति भारतीयों की माने तो उनके पास करीब 3000 क्विंटल प्याज डंप है, जो कि अब नेपाल जाने पर लगे प्रतिबंध के बाद धीरे-धीरे सड़ने लगा है, ऐसी स्थिति में आढ़ती लेबरों को लगाकर उनकी छटाई कराने का कार्य कर रहे हैं.

नेपाल को महंगाई का आंसू रुला रही प्याज

देश में प्याज के दामों पर आई तेजी के बाद सरकार ने भारत से नेपाल प्याज के निर्यात पर एकाएक प्रतिबंध लगा दिया था, निर्यात पर रोक लगाने के बाद जहां आढ़तियों के यहां रखा प्याज सड़ने की कगार पर पहुंच गया है, वहीं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में प्याज के दाम 100 रुपए तक जा पहुंचे हैं, अचानक आसमान छू रहे प्याज के दामों को लेकर नेपाल में हाहाकार की स्थिति मचगई है, भारत से नेपाल के लिए अचानक प्याज के निर्यात पर लगाये गये प्रतिबंध के बाद पलिया मंडी समिति के आढ़ती परेशान हैं, नेपाल बॉर्डर से सटी पलिया मंडी समिति से रोजाना कई गाड़ियां प्याज लेकर गौरीफंटा बॉर्डर होते हुए नेपाल जाती थी जो प्रतिबंध के बाद बॉर्डर से वापस कर दी गई, आढ़तियों का कहना था कि अगर सरकार को प्रतिबंध लगाना था तो उन्हें एक सप्ताह पहले ही सूचना दे देनी चाहिए थी जिससे उन लोगों का इतना बड़ा नुकसान ना होता, गोदामों में भरा आढ़तियों का प्याज जहां सड़ने की कगार पर पहुंच रहा है, वहीं मित्र राष्ट्र नेपाल में पाबंदी के बाद प्याज की कमी पड़ने से उसके रेट 90 से 100 रूपए (नेपाली) तक पहुंच गए हैं, बता दें कि प्याज के बढ़ते दाम को देखते हुए भारत सरकार ने नेपाल में प्याज निर्यात पर प्रतिबंध का आदेश आने के बाद गौरीफंटा सीमा पर प्याज लदे ट्रकों की एंट्री प्रतिबंधित कर दी गई है, जो प्याज लदे ट्रक सीमा पर पहुंच गए थे, उन्हें कस्टम विभाग व एसएसबी द्वारा वापस लौटाया जा रहा है.

ब्यूरो रिपोर्ट, लखीमपुर खीरी

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