मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने वाले पुजारी पर केस दर्ज,पुलिस ने कहा क़ानून से ऊपर कोई नहीं
जालौन। अज़ान के समय मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने के मामले लगातार सामने आ रहे थे। जिसके बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने लाउडस्पीकर को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी। प्रदेश के मुखिया के आदेशों का उल्लंघन करना जालौन के एक पुजारी को भारी पड़ गया। उत्तर प्रदेश के जालौन में अजान के वक्त हनुमान चालीसा बजाने पर पुलिस ने मंदिर के पुजारी के खिलाफ केस दर्ज किया है। कार्रवाई से नाराज पुजारी ने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आमरण अनशन का ऐलान कर दिया है। लेकिन पुलिस ने समझा बुझाकर पुजारी से धरना समाप्त करा दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला स्टेशन रोड का है। यहाँ पर एक मस्जिद के आगे मंदिर है जिसमें मंगलवार (19 अप्रैल) को हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। जालौन के मुहल्ला तुलसीनगर के रहने वाले पुजारी मत्स्येंद्र गोस्वामी ने बताया कि स्टेशन मार्ग पर एक मस्जिद के सामने मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया गया था। लेकिन इस दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया गया था। पुलिस के आरोप झूठे हैं। सिटी मजिस्ट्रेट को किसी ने मेरी झूठी शिकायत दी है। बिना किसी जाँच के ही मुझ पर शांति भंग की कार्रवाई की गई है। पुजारी ने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई से संत समाज की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है और इस घटना से मेरी छवि खराब हुई है।
पुलिस कार्रवाई से नाराज मत्स्येंद्र गोस्वामी ने जालौन के ही गांधी चबूतरा (मंच) पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। हालाँकि बाद में पुलिस के समझाने पर उन्होंने अपने अनशन को खत्म कर दिया।
पुलिस ने कहा कि पुजारी के खिलाफ शांति भंग करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 107/116 के तहत नोटिस दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानपुर क्षेत्र) भानु भास्कर ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है या माहौल खराब करता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
पुलिस अधिकारी शिव कुमार राठौर ने बताया कि गोस्वामी ने 19 अप्रैल को स्टेशन रोड स्थित मस्जिद के सामने कथित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ किया था। शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ शांति भंग की धारा में कार्रवाई की गई है।