पिता की तबियत का हाल बयान करते हुए रो पड़े अब्दुल्ला आज़म
मैंने बहुत बुरा दौर देखा है: अब्दुल्ला आज़म
(मो. शाह नबी)
रामपुर। जब डॉ मुझे देखने आए तो मैंने अपने वालिद के बारे में डॉ से पूछा कि अब उनकी कैसी तबियत है तो डॉ ने कहा जो हमसे बन पड़ रहा है हम वो कर रहे हैं। बाक़ी ऊपर वाले के हाथ में है। जब उन्हें इलाज के लिए ले जाया जा रहा था तो वो बेहोश थे। दो मिनट के लिए उन्होंने आँखें खोलीं और बोले कि बेटा अगर मुझे कुछ ऐसा हो गया है जो मैं ठीक नहीं हो सकता तो जो हो वो घर जाकर हो। यह बातें बताते हुए अब्दुल्ला आज़म फफक-फफक कर रो पड़े। अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने जेल में अल्लाह से दुआ की कि जेल तो मैं काट ही रहा हूँ, मुझे कोई शिकायत नही है। बस मेरे वालिद को बचा ले। अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने बहुत बुरा दौर देखा है। बहुत सी रातें ऐसी आईं जब लगा कि आने वाला सवेरा देखने के क़ाबिल नही बचूँगा।
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम बुधवार को एक वर्चुअल रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान कोरोना के काल में अपने पिता आजम खान की खराब हालत को याद करते हुए वह रो पड़े। यहाँ तक कि अब्दुल्ला के भावुक होने पर कुछ देर के लिए कार्यक्रम रुक गया।
अब्दुल्लाह आज़म ने कहा कि आज़म खान ने अडिग रह कर ये साबित किया है कि पहाड़ अपनी जगह छोड़ सकता है, लेकिन आज़म खान नही झुक सकता। मेरे वालिद कहा करते थे कि कोई फैसला फौरन न करो। पहले खुद सोचो,लोगों से सलाह करो, अपने दिल और ज़मीर को उस फैसले के लिए तैयार करो। फिर जब फैसला ले लो तो दुनिया की कोई भी ताकत तुम्हे झुकाने की कोशिश करे, उसके आगे मत झुको।
अब्दुल्ला आज़म ने नवाबों के ज़ुल्म याद दिलाते हुए कहा नौजवानों को यह याद रखना चाहिए कि हम वो लोग हैं,जिन्हें आठवीं से ज़्यादा पढ़ने नही दिया जाता था। हम वो लोग हैं,जिन्हें पक्का मकान बनाने की इज़ाज़त नही थी। हम वो लोग हैं, जो डरते थे कि हमारी बहन-बेटियों पर नवाब खानदान के किसी शख़्स की नज़र न पड़ जाए। आज़म खान ने रामपुर को नवाबों के ज़ुल्म से निजात दिलाई। जिस तरह मेरे घर का शख़्स मेरे लिए ज़रूरी है,उसी तरह आपकी हिफाज़त मेरे लिए ज़रूरी है।
अब्दुल्ला ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग प्यार के साथ चुनाव लड़ें। अगर कोई आप पर हाथ भी उठाए तो आज़म खान और मेरी ख़ातिर उसे जवाब न दें। अपने विरोधियों को देख कर उनसे मुस्कुरा कर मिलें। किसी से बैर न रखें। चालीस साल तक आज़म खान ने जो मोहब्बत की सीख दी है,उस पर अमल करें। 2019 के चुनाव की तरह न डरें। उस वक़्त का प्रशासन हमको चुनाव में खड़ा ही नही होने देना चाहता था। अभी तक रामपुर के किसी पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी ने ऐसा नही दर्शाया है कि वह रामपुर में निष्पक्ष चुनाव नही चाहते। इतना अवश्य है कि रामपुर के आसपास के जिलों में ऐसे अधिकारी हैं, जो रामपुर का चुनाव प्रभावित कर सकते हैं। मेरा चुनाव आयोग से निवेदन है कि हमें यह कहने पर मजबूर न किया जाए कि कौन सा अधिकारी निष्पक्ष काम कर रहा है और कौन सरकार का एजेंट है।
बता दें कि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान शनिवार को देर शाम सीतापुर जेल से रिहा हुए थे।
समाजवादी पार्टी ने रामपुर जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इसके तहत शहर विधानसभा सीट से सांसद आजम खान को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि स्वार टांडा से उनके बेटे अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़ेंगे।