लखनऊः उत्तर प्रदेश के 16590 होम गार्ड को ड्यूटी नहीं देने की बात पर उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर साधा निशाना। चार साल में चार लाख रोज़गार देने के दावे के साथ उत्तर प्रदेश की बाजपा शासित योगी आदित्यनाथ की सरकार ने नववर्ष पर प्रदेश में कार्यरत 16590 होमगार्ड्स को एक तोहफा देते हुए इन सभी की ड्यूटी ख़त्म कर दी गयी है।
यह ऐसा दौर है जहाँ प्रधानमंत्री की नाकाम आर्थिक नीतियों ने देश को बेरोज़गारी के अब तक के सबसे उच्च स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है, वहाँ एक झटके में 16590 लोगों को ड्यूटी से मुक्त कर देना कौन सी गुड गवर्नेंस का उदाहरण है। हाल ही में योगी सरकार को राष्ट्रपति द्वारा पुरुस्कृत भी किया गया है।
प्रदेश में सरकारी नौकरियों का अकाल पड़ा हुआ है। सरकारी नौकरियाँ आजकल निकलती नहीं हैं। नौकरियाँ निकलती हैं तो परीक्षा नहीं होती, परीक्षा होती है तो रिजल्ट नहीं आता, रिजल्ट आता है तो जोइनिंग नहीं होती और अगर जोइनिंग भी हो जाती है तो उसके बाद भर्ती से जुड़े तमाम फर्जीवाड़े सामने आते हैं। इस कुशासन को सुशासन कहने वालों का पाप गंगा मैया भी नहीं उतारेंगी।
आखिर ये 16590 लोग अब क्या करेंगे? बरेली के जवानों ने कलेक्टोरेट पर भूख हड़ताल करने की बात कही है। मगर क्रूर तानाशाही के इस दौर में उन पर भी लाठियाँ भांजकर उन्हें भगा दिया जाएगा। शहीद-ए-आज़म भगत सिंह भी जब अपने साथियों के साथ अपने हक के लिए भूख हड़ताल पर बैठे थे तो ब्रितानी हुकूमत ने उनपर पुलिस से अत्याचार करवाए, मगर भगत सिंह के मज़बूत इरादों के सामने उन्हें झुकना पड़ा।
योगी आदित्यनाथ उस ब्रितानी हुकूमत से भी बड़े तानाशाह हैं। नरेंद्र मोदी जहाँ पूरे देश को छल रहे हैं वहीँ योगी आदित्यनाथ ने भी उत्तर प्रदेश को सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इन 16590 जवानों के साथ क्या होगा ये तो वक़्त ही बताएगा। न जाने क्यों योगी आदित्यनाथ बार-बार आम जनता की परीक्षा लेने पर तुले हुए हैं। अब इस नए साल के साथ योगी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गयी है।